ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी जो खुद को अनुशासित पार्टी बताती है उनके नेताओं की आपसी खींचतान की वजह से मंडल अध्यक्षों की सूची भी अटक गई है। वरिष्ठ नेताओं में केन्द्रीय मंत्री तथा ग्वालियर विधानसभा के पूर्व विधायक की आपसी खींचतान की वजह से महानगर के 9 में 4 मंडल अध्यक्षों को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। इस वजह से अभी तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के दो सप्ताह बाद भी सूची घोषित नहीं हो पाई है।
यह टकराव की स्थिति उस समय बनी है जब पार्टी ने घोषणा की थी कि 30 नवम्बर तक नये जिलाध्यक्ष की नियुक्ति हो जायेगी। मगर आपसी गुटबाजी व खींचतान इतनी अधिक हावी हो गई है कि अभी तक निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी मंडल अध्यक्षों की घोषणा नहीं हो सकी है। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में यह दावा किया था कि 30 नवम्बर तक जिलाध्यक्ष और उससे पहले मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर दी जायेगी। मगर वरिष्ठ नेताओं विशेषकर केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की खींचतान के चलते ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के तीनों मंडलों को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है और ऐसे में केन्द्रीय मंत्री ने सूची को दिल्ली मंगवाकर अपना वीटो लगा दिया है।
इस वजह से अभी तक घोषणा नहीं हो पा रही है। वहीं जिलाध्यक्ष का निर्वाचन भी 30 नवम्बर को पहले किया जाना था। मगर मंडल की सूची फंसने की वजह से यह प्रक्रिया भी अटक गई है। अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दिसम्बर के अंत तक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति हो सकेगा।
इस बार जातिगत समीकरण हावी
भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर इस बार जातिगत समीकरण हावी होते दिख रहे हैं। पिछले रविवार की तरह इस बार किसी ब्राह्मण या ठाकुर को जिलाध्यक्ष बनाये जाने से पार्टी परहेज कर रही है और अन्य जाति से जिन्हें के अल्पसंख्यक माना जाता है उनमें से किसी को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। जिलाध्यक्ष के लिये प्रमुख दावेदार राकेश जादौन, कमल माखीजानी बताये जा रहे हैं।