ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेले को इसके पुराने वैभव में वापस लाने के लिए पूरी महनत से प्रयास किये जा रहे हैं और इसे क्रिसमस से पहले शुरू करने की योजना है। पिछले एक सदी से भी पुराने ग्वालियर व्यापार मेले को उत्तर भारत का सबसे पुराना मेला माना जाता है। मगर पिछले कुछ समय से इसकी सही प्रकार से देखरेख नहीं होने की वजह से आयोजन पिछड़ता जा रहा था और मेले के आयोजन में देरी की वजह से इसमें आने वाले सैलानियों की संख्या भी कम होती जा रही थी। इसे ठीक करते हुए मेले का आयोजन अब 25 दिसम्बर से पहले कराने की तैयारी मेला प्राधिकरण ने की है।
मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि मेले के प्रारंभ में देरी होने से वर्ष के आखिरी सप्ताह में क्रिसमस से लेकर नये साल के बीच की जो सैलानियों की भीड़ है वह मेले में नहीं आ पाती थी। अधिकांश लोगों का वर्ष का यह आखिरी सप्ताह मौज मस्ती और सैर सपाटे में निकलता है। इसी वजह से मेला प्राधिकरण पहली बार यह गंभीर प्रयास कर रहा है कि मेले का आयोजन क्रिसमस से पहले हो जाये जिससे क्रिसमस और नये साल के बीच में आने वाले सैलानी मेले की रौनक बढ़ा सकें।
मेले की तैयारियों के लिये मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल ने सभी संचालकों के बीच कार्य विभाजन कर दिया। उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल सभी समितियों का समन्वय करेंगे। किशन मुद्गल स्वागत एवं पुरस्कार समिति देखेंगे। राम सुंदर सिंह रामू प्रचार प्रसार सामान्य प्रर्दशिनी देखेंगे। नवीन परांडे सांस्कृतिक कार्यक्रम, शील खत्री बाजार और दुकान आवंटन, सुधीर मंडेलिया जनसविधायें और महबूब चेनवाले किसान पशु मेला, दंगल आयोजन और पार्किंग की व्यवस्था देखेंगे।