हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में भोपाल लोकायुक्त की दस सदस्यीय टीम ने खाद्य विभाग की स्थापना शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 के बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। भोपाल से आई लोकायुक्त टीम ने आरोपी बाबू जीतेन्द्र कुमार चौधरी को आठ हजार की रिश्वत लेते चाय की दुकान पर पकड़ा। आरोपी बाबू ने हरदा के खाद्य विभाग में पूर्व में पदस्थ कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद से दस हजार की रिश्वत मांगी थीै। आरोपी चार महीने पहले ही हरदा से झाबुआ ट्रांसफर हुए आशीष आजाद से एक महीने का वेतन और चार माह एलपीसी (अंतिम वेतन पत्रक) निकालने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। जबकि कलेक्टर कार्यालय परिसर में हुई लोकायुक्त की कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था।
आशीष आजाद ने की थी शिकायत
लगातार रिश्वत की मांग से परेशान होने के बाद आशीष आजाद ने पूरे मामले की शिकायत दो दिन पहले 30 अक्टूबर को भोपाल में लोकायुक्त कार्यालय में की थी. हरदा कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्थित चाय की दुकान पर पहुंचकर झाबुआ में पदस्थ कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद ने स्थापना शाखा के बाबू जीतेन्द्र कुमार चौधरी से बात की. जैसे ही कुमार ने कलर लगे नोट हाथ में लिए आसपास मौजूद लोकायुक्त की टीम के सदस्यों ने उसे धर दबोचा. पास ही बने लोकसेवा केंद्र में बैठकर लोकायुक्त की टीम ने पूरी कार्रवाई की. कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने आशीष आजद ने न्यूज़ 18 से चर्चा में कहा की पूर्व में उनका वेतन विगत अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक की समय सीमा का रोका गया था. कलेक्टर को शिकायत करने के बाद उनका वेतन निकाला गया था.
रिश्वतखोर आरोपी बाबू के पिता भी कलेक्टर कार्यालय में है पदस्थ
रिश्वत मांगने वाले आरोपी बाबू जीतेन्द्र कुमार चौधरी के पिता जीडी चौधरी भी शासकीय कर्मचारी हैं. आरोपी बाबू के पिता जीडी चौधरी कलेक्टर कार्यालय में सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ हैं. बेटे के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने की सूचना मिलते ही पिता भी लोकसेवा केंद्र के बाहर खड़े होकर अंदर चल रही कार्रवाई की बारे में पूछताछ कर रहे थे.
लोकायुक्त टीम के अधिकारी ने कही ये बात
भोपाल से आई लोकायुक्त टीम के सदस्य निरीक्षक मनोज पटवा ने न्यूज़ 18 से कहा कि हरदा में पूर्व में पदस्थ रहे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद ने लोकयुक्त में पुलिस अधीक्षक के सामने 30 अक्टूबर को शिकायत की थी. हरदा में खाद्य विभाग में पदस्थ बाबू जितेंद्र कुमार चौधरी उनसे 1 महीने का वेतन और चार माह की एलपीसी के नाम पर दस हजार रूपये रिश्वत मांग रहे हैं. जबकि आज बाबू जितेंद्र कुमार चौधरी को आठ हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है. चाय की दुकान पर मिलने का तय हुआ था वहीं उन्हें पकड़ा गया है. यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.