स्नान तो सभी करते हैं। सबका अपना-अपना नहाने का तरीका भी होता है। कुछ लोग आनंद पूर्वक नहाते हैं तो कुछ फटाफट नहा लेते हैं। लोगों को कहते सुना ही होगा ' दो लोटे सर पर डाल कर आता हूं।' लेकिन क्या आप जानते हैं गलत तरीके से नहाते रहने के कारण आप की मौत भी हो सकती है। कई लोग तो समझ ही नहीं पाते की खानपान में पर्याप्त ध्यान रखने के बाद भी उन्हें हार्ट अटैक क्यों आया। दरअसल वह गलत तरीके से नहाने के कारण भी आ सकता है। नहाने का भी एक वैज्ञानिक तरीका होता है। यदि आप इसका पालन नहीं करेंगे तो आपकी उम्र घटती जाएगी और बीमारियां बढ़ती जाएगी।
सीधे सिर पर ठंडा पानी डालने से क्या होता है
हमारे शरीर में गुप्त विद्युत शक्ति रुधिर (रक्त) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होती रहती है। जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरंभ होकर नीचे पैरों की तरफ आती है। हमारे सिर में बहुत महीन रक्त नलिकांए होती हैं जो दिमाग को रक्त पहुंचाती है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सिर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो यह नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं। जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो स्ट्रोक आने शुरू हो जाते हैं। या हार्टअटैक भी हो सकता है और ब्रेन स्ट्रोक भी। सिर पर सीधे पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है जिससे या तो हार्टअटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है।
नहाते समय बच्चे कांपने क्यों लगते हैं
इसी तरह बच्चे का भी नियंत्रण तंत्र तुरंत ही प्रतिक्रिया देता है। जिससे बच्चे के कांपने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है और हम लोग यह समझते हैं कि बच्चा नहाने से डर रहा है। गलत तरीके से नहाने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है।
नहाने का सही वैज्ञानिक तरीका क्या है
बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालिए। फिर पिंडलियों पर, फिर घुटनों पर, जांघों पर पानी डालिए और फिर हाथों से मलिए ।फिर हाथों से पानी लेकर पेट को रगड़िए कंधे पर पानी डालिए।अंजुलि में पानी लेकर मुंह पर डालिए। फिर सिर पर पानी डालिए। इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर भी नहा सकते हैं या पूरी बाल्टी सर पर डाल सकते हैं। इस प्रक्रिया में केवल एक ही मिनट लगता है, लेकिन इससे हमारे शरीर की रक्षा होती है। इस 1 मिनट में शरीर की विद्युत प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है क्योंकि विद्युत को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरों पर डाला गया है। बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वह बिल्कुल कांपता नहीं है।