भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं नगरीय प्रशासन के कमिश्नर विवेक अग्रवाल मामले में EOW ने भोपाल के स्मार्ट सिटी कार्यालय में छापामार कार्यवाही की एवं ऑफिस को सील कर दिया। मामला विवेक अग्रवाल के बेटे को दिए गए टेंडर का है। आरोप है कि आईएएस पिता के रसूख का उपयोग करते हुए बेटे को नाजायज लाभ दिए गए। EOW इस मामले की जांच कर रहा है। उसने स्मार्ट सिटी ऑफिस से कुछ दस्तावेजों की मांग की थी जो उपलब्ध नहीं कराए गए इसी के चलते यह कार्यवाही की गई है।
HPE को 299 करोड़ के टेंडर का विवाद
बताया जा रहा है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इंटिग्रेटेड डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर टेंडर की जांच के सिलसिले में छापा पड़ा। HPE को 299 करोड़ का टैंडर मिला था, जबकि बीएसएनएल ने 250 करोड़ का टैंडर डाला था। टैंडर की ये कार्रवाई नगरीय प्रशासन कमिश्नर विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में 2017 में हुई थी। HPE कम्पनी में विवेक अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल सीनियर पोस्ट पर थे। ज़ाहिर है आरोप इन पर ही लगे।
आईएएस विवेक अग्रवाल और बेटा वैभव अग्रवाल आरोपी
ईओडब्ल्यू ने स्मार्ट सिटी में हुए घोटाले की शिकायत रजिस्टर कर जांच शुरू की है। इस घोटाले में सीनियर आईएएस अफसर विवेक अग्रवाल और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए एक विशेष कंपनी को 300 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था।
300 करोड़ के टेंडर में टेंपरिंग की भी संभावना
EOW ने स्मार्ट सिटी घोटाला में उस मामले की जांच कर रही है जिसमें इस घोटाले की कई अहम जानकारी और सबूत हैं। शिकायत में सीधे नगर प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव रहे विवेक अग्रवाल और उनके बेटे वैभव अग्रवाल पर गंभीर आरोप हैं। सूत्रों ने बताया कि शिकायत की प्राथमिक जांच में कई अहम सबूत मिले हैं। इन सबूतों से सिद्ध हो रहा है कि स्मार्ट सिटी के तीन सौ करोड़ के टेंडर में गड़बड़ी तो हुई है। ईओडब्ल्यू टेंडर में टेंपरिंग से लेकर विभाग से तमाम दस्तावेजों को मांगा है।
विवेक अग्रवाल ने बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाया
नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव रहते हुए स्मार्ट सिटी के लिए डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी के सेंटर बनाने के लिए तीन सौ करोड़ का टेंडर जारी हुआ था। शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि अपने बेटे वैभव को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए एक विशेष कंपनी को टेंडर जारी किया गया। जबकि बीएसएनएल ने सबसे कम का टेंडर भरा था।
विवेक अग्रवाल का स्पष्टीकरण
विवेक अग्रवाल का कहना है पूरे मामले में स्मार्ट सिटी ने ही टेंडर कराए थे। इसमें डायरेक्टरेट का कोई लेना देना नहीं है। यदि कोई शिकायत मिलेगी तो उस पर अगला कदम उठाया जाएगा। अभी तक उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।