इंदौर। कंपनी ने मैन्यूफैक्चरिंग में डिफेक्ट वाली वॉशिंग मशीन ग्राहक को बेच दी। ग्राहक ने इसकी शिकायत की तो कंपनी ने मैकेनिक भेजकर मशीन सुधरवा दी। कुछ ही दिन बाद मशीन फिर बिगड़ गई। कंपनी ने दोबारा मैकेनिक भेज दिया। इसके बाद मशीन बार-बार बिगड़ती रही और कंपनी मैकेनिक भेजकर उसे सुधरवाती रही, लेकिन समस्या हल नहीं हुई। आखिरकार परेशान उपभोक्ता ने कंपनी और मशीन बेचने वाले शोरूम के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में गुहार लगाई। फोरम ने आदेश दिया कि कंपनी ग्राहक को ब्याज सहित मशीन की कीमत लौटाए।
माणिकबाग रोड निवासी सुरेश कुमार कालरा (45) ने 15 मई 2017 को सपना-संगीता स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक सुपर मार्केट से ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन खरीदी थी। इस मशीन की निर्माता कंपनी आईएफवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुंबई थी। मशीन की कीमत 30184 रुपए थी। खरीदने के कुछ दिन बाद ही मशीन बंद हो गई। उसके डिस्प्ले में स्क्रीन पर 'एरर' लिखा हुआ आने लगा। इस पर कालरा ने कंपनी को शिकायत की तो उसने अपने सर्विस सेंटर से 3 जून 2017 को मैकेनिक भेजकर मशीन सुधरवा दी। हालांकि एक-दो धुलाई के बाद ही मशीन एक बार फिर खराब हो गई। इसके बाद मशीन लगातार खराब होती रही। शिकायत करने पर कंपनी मैकेनिक भेजकर सुधार करवाती, लेकिन वह कभी स्थायी रूप से सुधर ही नहीं पाई। मशीन अभी भी बंद है।
मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट होने से कालरा और उनका परिवार परेशान होता रहा। 9 जनवरी 2018 को कालरा ने वकील के माध्यम से कंपनी को नोटिस दिया, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। इस पर उन्होंने एडवोकेट अभिषेक गिलके के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में कंपनी और मशीन बेचने वाले शोरूम के खिलाफ परिवाद दायर किया। फोरम अध्यक्ष ओपी शर्मा ने आदेश दिया कि कंपनी दो महीने में खराब मशीन की पूरी कीमत परिवादी को लौटाए। कंपनी को इस रकम पर बेचने की तारीख से नौ प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। साथ ही परिवादी को मानसिक संत्रास के लिए पांच हजार रुपए और परिवाद व्यय के रूप में दो हजार रुपए भी देने होंगे।