नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले साल नवंबर में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है। यह जानकारी बेंगलुरु में इसरो के सूत्रों ने दी। उन्होंने बताया कि 2020 में चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतारने के लिए इसरो ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसका नेतृत्व तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के निदेशक एस.सोमनाथ कर रहे हैं। इस सेंटर को इसरो के सभी लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम की जिम्मेदारी दी गई है। चंद्रयान-3 से संबंधित सभी रिपोर्ट यह कमेटी ही तैयार करेगी।
चंद्रयान-3 रोड मैप तैयार, अंतरिक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया
chandrayaan-2 के बाद अब भारत सरकार ने चंद्रयान-3 की तैयारियां शुरू कर दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चाँद अन्वेषण का एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को अंतरिक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विशेषज्ञ समिति के अंतिम विश्लेषण और अनुशंसाओं के आधार पर, भविष्य के चाँद मिशन के लिए कार्य प्रगति पर है। सरल शब्दों में यह कि चंद्रयान-3 की तैयारियां शुरू हो गई है।
चंद्रयान-तीन क्या 100% सफल होगा
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया, “पैनल की रिपोर्ट का इंतजार है। कमेटी को अगले साल के खत्म होने से पहले मिशन से संबंधित सभी दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा गया है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए अगले साल नवंबर का समय बेहतर है।” सूत्रों के मुताबिक, “इस बार रोवर, लैंडर और लैंडिंग की सभी प्रक्रियाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। चंद्रयान-2 में जो भी खामियां रहीं हैं, उन्हें सुधारने पर काम किया जाएगा।”