इंदौर। मुंडला ब्रिज के पास बुधवार दोपहर ट्रक में हवा भरने के दौरान कंप्रेशर में ब्लास्ट हो गया। घटना दोपहर 12.30 बजे मुंडला ब्रिज के नीचे शुभम रोड लाइंस (Shubham Road Lines) पर हुई। हादसे में ट्रांसपोर्ट संचालक ब्रह्मपुरी कॉलोनी निवासी सत्येंद्र (Transport Director Satyendra) (40) की मौत हो गई। क्रंपेशर का ढक्कन बंदूक की गोली से भी तेज गति से उड़ा और 50 फीट दूर अपने ऑफिस में बैठे ट्रांसपोर्टर की कनपट्टी में लगा। फिर टेबल को तोड़ते हुए दीवार से टकराया। इस महीने में कंप्रेशर फटने से मौत का यह दूसरा मामला है।
तुलसी नगर में कॉर वाश सेंटर पर काम करने वाले 17 साल के कार्तिक की भी 11 नवंबर को कंप्रेशर फटने से टुकड़ा लगने से मौत हो गई थी। हादसे के वक्त ट्रांसपोर्टर का भतीजा भी ऑफिस में मौजूद था। उसने पलटकर देखा तो ट्रांसपोर्टर मौसा के सिर का आधा हिस्सा उड़ चुका था। हादसे के बाद टायर दुकान का संचालक फरार हो गया। प्रत्यक्षदर्शी शुभम ने बताया कि उसके मौसा के साथ दर्दनाक हादसा महज 30 सेकंड में हुआ। ‘‘मेरी और मौसा सत्येंद्र की ट्रांसपोर्ट में पार्टनरशिप है। हम लोग यूपी लाइन की गाड़ियां भरवाते हैं। हमारी ही दुकान के पास बिहार से आए रेहान नामक युवक ने टायर पंक्चर का काम शुरू किया था। मौसा और मैं पार्टियों को फोन लगाकर ट्रकों की बातें कर रहे थे।’’
तुलसी नगर में कॉर वाश सेंटर पर काम करने वाले 17 साल के कार्तिक की भी 11 नवंबर को कंप्रेशर फटने से टुकड़ा लगने से मौत हो गई थी। हादसे के वक्त ट्रांसपोर्टर का भतीजा भी ऑफिस में मौजूद था। उसने पलटकर देखा तो ट्रांसपोर्टर मौसा के सिर का आधा हिस्सा उड़ चुका था। हादसे के बाद टायर दुकान का संचालक फरार हो गया। प्रत्यक्षदर्शी शुभम ने बताया कि उसके मौसा के साथ दर्दनाक हादसा महज 30 सेकंड में हुआ। ‘‘मेरी और मौसा सत्येंद्र की ट्रांसपोर्ट में पार्टनरशिप है। हम लोग यूपी लाइन की गाड़ियां भरवाते हैं। हमारी ही दुकान के पास बिहार से आए रेहान नामक युवक ने टायर पंक्चर का काम शुरू किया था। मौसा और मैं पार्टियों को फोन लगाकर ट्रकों की बातें कर रहे थे।’’
वहीं, रेहान दुकान पर आए एक ट्रक में हवा भर रहा था। रेहान ने हवा का प्रेशर बढ़ाने के लिए कंप्रेशर स्टार्ट किया। कुछ ही देर में तेज आवाज में ब्लास्ट हुआ। मैंने देखा कि कंप्रेशर का एक टुकड़ा (ढक्कन) उड़कर हमारी तरफ काफी तेजी से आया। मुझे बस हवा में कुछ आता दिखा तो मैं पीछे हटा। किसी चीज से टकराने के आवाज के बाद ढक्कन टेबल को तोड़ता हुआ दीवार में लगा। इस दौरान जब कान के अंदर से धमाके की आवाज आना बंद हुई तो मैंने पैरों में देखा। नीचे मौसा बेसुध पड़े हुए थे। उनके पीछे की खोपड़ी का हिस्सा ही गायब था। यह देखकर मैं चौंक गया। मैंने मदद मांगी और 108 को फोन लगाया।
शुभम ने बताया कि फोन लगाने के आधा घंटे बाद 108 पहुंची। उन्होंने मौसा को यह कहकर ले जाने से मना कर दिया कि हम लाश नहीं ले जाते। फिर पुलिस पहुंची, लेकिन उन्होंने भी कहा कि वे किसी दूसरे वाहन में पहुंचाएंगे। फिर हमने गाड़ी की और शव पहुंचा। घटना के बाद रेहान फरार हो गया।