हनी ट्रैप अपडेट: मोनिका ने खुद अपने पिता से केस वापस लेने कहा था | INDORE NEWS

इंदौर। हनी ट्रैप मामले में पुलिस ने जिस मोनिका यादव को सरकारी गवाह बनाया। जिसे हनी ट्रैप रैकेट का शिकार बताया जा रहा था। जिसके पिता ने आरती दयाल और श्वेता विजय जैन के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज कराया था, उसी मोनिका यादव ने अपने पिता से कहकर केस वापस करवा दिया। इस बात का खुलासा खुद सरपंच इंदर सिंह ने किया है जो शुरू से अब तक मोनिका यादव और उसके पिता का साथ दे रहे थे। बता दें कि एटीएस की थ्योरी के अनुसार मोनिका यादव एक लालची लड़की है जो हाईफाई लाइफ स्टाइल के लिए कुछ भी करने को तैयार थी। 

सरपंच ने मोनिका के पिता को समझाया, लेकिन वो नहीं माना

बकौल इंदरसिंह- ‘मैं और हीरालाल 25 अक्टूबर को मोनिका से मिलने इंदौर जेल आए थे। यहां मोनिका ने कहा था कि वे मानव तस्करी का केस वापस ले लें। जेल में बंद मैडम यानी आरती दयाल या ​श्वेता विजय जैन से बात हो चुकी है। वे जमानत भी करवा देंगी। मैंने हीरालाल को समझाया भी कि वह ऐसा ना करें, पर वे बोले कि मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं कि बार-बार कोर्ट आऊं। बेटी के भविष्य का सवाल है।

भोपाल में बयान से पहले हीरालाल को 8-10 लोगों ने घेर रखा था

शनिवार को पता चला कि हीरालाल भोपाल कोर्ट में इंदौर पुलिस और इस केस के खिलाफ बयान देने जा रहे हैं, तो मैं भी भोपाल पहुंचा। वहां हीरालाल से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उसे 8-10 लोगों ने घेर रखा था। बोले कि अभी हम उसे बयान दिलाने ले जा रहे हैं, उसके बाद आप बात कर लेना। जब कोर्ट में बयान नहीं हुए तो बाहर आकर हीरालाल ने मुझसे सिर्फ इतना कहा कि मेरे पास रुपए नहीं हैं। मैं केस नहीं लड़ सकता। 

केस दर्ज कराते समय तो हीरालाल काफी आक्रोशित था

सरपंच इंदर सिंह ने बताया कि इसके बाद मैं घर लौट आया। मुझे पता नहीं कि जिला जेल में बंद हनी ट्रैप की आरोपियों ने मोनिका को कोई प्रलोभन दिया या धमकाया। 24 सितंबर को जब हीरालाल पलासिया थाने पहुंचे थे तो काफी आक्रोशित थे और बेटी को फंसाने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाने पर अड़ गए थे। इस दौरान में उनके साथ था। 

पूरा गांव सपोर्ट में था, हमने चंदा करके मदद की थी

सिंह ने कहा कि हीरालाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इंदौर पुलिस ने दबाव बनाकर मानव तस्करी का केस दर्ज करवाया। मैं खुद इस बात का गवाह हूं कि पुलिस ने मोनिका पर कोई दबाव नहीं बनाया। पलासिया टीआई शशिकांत चौरसिया ने अच्छे से बात की थी और केस की पूरी जानकारी दी थी। मोनिका का नाम केस में आया था तो पता चला उसे जबरदस्ती फंसाया। इस पर पूरा गांव उसके सपोर्ट में खड़ा था। हमने चंदा करके उसकी मदद की। अब केस वापस लेने की बात कहकर मोनिका से ज्यादा उसके पिता शर्मसार कर रहे हैं।

मुझ पर किसी ने दबाव नहीं बनाया

मैं तो पहले से कह रहा हूं कि आरती दयाल के अलावा किसी को नहीं जानता हूं। मेरे पास इतने पैसे भी नहीं कि केस लड़ सकूं। फिर मेरी बेटी ने भी जेल में मुझसे कहा था कि मैं केस वापस ले लूं। मुझ पर किसी ने दबाव नहीं बनाया। मैंने इंदौर में ही मना किया था कि यह केस दर्ज ना किया जाए। हीरालाल यादव, माेनिका के पिता

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