इंदौर। मोबाइल में गेम (Games in mobile) खेल रही 10वीं की छात्रा से पिता ने जब मोबाइल छीनकर सोने को कहा तो वह गुस्सा हो गई। उसने दरवाजा बंद कर लिया। जब भाई ने कुछ देर बाद दरवाजा बजाया तो बहन ने कोई रिस्पांस नहीं दिया। इसके बाद परिजन दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो बेटी फंदे पर लटकी थी। परिजन उसे नीचे उतारकर तत्काल अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव बरामद कर जांच शुरू कर दी है।
राज नगर ए सेक्टर में रहने वाली 15 वर्षीय खुशी पिता पवन सिंह राणा (Khushi father Pawan Singh Rana) ने मंगलवार रात को फांसी लगा कर जान दे दी। ट्रांसपोर्टर पिता ने बताया कि उसका ट्रांसपोर्टिंग का कामकाज है। भेरू अष्टमी का भंडार खाने के बाद पूरा परिवार रात 10 बजे घर आ गया था। फिर बेटी मोबाइल पर गेम खेलने लगी। पिता ने कहा कि अब सोने का टाइम हो गया है। बैट्री डिस्चार्ज हो जाएगी तो ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों के फोन नहीं लग पाएंगे। इस पर कालानी नगर के द स्पोर्ट्स स्कूल (The Sports School) में दसवीं की पढ़ाई करने वाली बेटी नाराज होकर अपने कमरे में चली गई। तब तक उसका भाई प्रताप ब्लू टूथ लेने चला गया था। इधर, मोबाइल लेकर पिता अपने कमरे में सोने चले गए।
थोड़ी देर बाद प्रताप लौटा तो बहन ने दरवाजा नहीं खोला। काफी देर दरवाजा बजाने के बाद कोई रिस्पांस नहीं मिला तो उसने पिता को जानकारी दी। पिता ने दरवाजा तोड़ा तो बेटी फंदे पर थी। उसे उतारकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। पिता का कहना है कि बेटी ने एक गेम डाउनलोड कर रखा था, जिसे खेलती थी और फेसबुक चलाती थी। वे सुबह जल्दी उठकर ट्रांसपोर्ट का काम समाप्त कर दोपहर 12 बजे घर आ जाते थे। तब तक बेटी खुशी भी स्कूल से घर आ जाती थी। फिर दिनभर मोबाइल में गेम खेलती थी।
घटना के बाद परिजन ने शव जिला अस्पताल की मरच्यूरी में रखवाकर पुलिस को सूचना दी। रात में पुलिस ने कमरा सील कर दिया, लेकिन सुबह 11.30 बजे तक कोई भी पुलिसकर्मी बेटी का पोस्टमॉर्टम करवाने नहीं पहुंचा। परिजन का आरोप है कि वे थाने पहुंचे तो वहां से कहा गया, जो पुलिसकर्मी पोस्टमॉर्टम करवाता है वह अभी एमवायएच में है। उसके आने के बाद ही पीएम हो पाएगा। परिजन का कहना है कि वे टीआई के पास पहुंचे तो उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया। इस पर परिजन ने एसपी अवधेश गोस्वामी को फोन लगाया, उन्होंने भी फोन अटेंड नहीं किया। फिर परिजन ने सीएसपी पुनीत गेहलोत को फोन लगाया। उन्होंने जल्द ही पोस्टमॉर्टम करवाने का आश्वासन दिया। उसके एक घंटे बाद पुलिसकर्मी जिला अस्पताल पहुंचे।