इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को नगर सुरक्षा समिति के सदस्य को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा। पूछताछ में उसने सराफा थाने के एक आरक्षक के कहने पर फरियादी से पैसे लेना कबूला है। सदस्य के बयान और रिकॉर्डिंग के आधार पर लोकायुक्त ने आरक्षक को भी आरोपी बनाया है। दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
नवंबर के दूसरे सप्ताह में सराफा थाने में विक्रम पिता अधीर गोस्वामी (Vikram's father Adhir Goswami) और शाहबुद्दीन पिता मुजफ्फर मलिक (Shahabuddin's father Muzaffar Malik) के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि नकली सीबीआई बनकर आए विक्रम को लालू नामक व्यक्ति ने चार बंगाली कारीगरों से मिलवाया था। लोकायुक्त एसपी सव्यसांची सराफ ने बताया कि उक्त प्रकरण में आरक्षक अंकित उपाध्याय (Constable Ankit Upadhyay) जांच कर रहा था। उसने लालू को बयान के लिए बुलाया और आरोपितों से उसके मिले होने व कमीशन लेने का आरोप लगाया। डर के कारण लालू कुछ दिन पहले बंगाल चला गया। इस बीच अंकित ने लालू के मालिक शेख कमाल हुसैन से संपर्क किया और लालू की जानकारी मांगी। उसने कहा कि लालू को कोर्ट में पेश करवा दो।
ऐसा नहीं करने पर प्रकरण में फंसाने की धमकी दी। साथ ही लालू को केस से बचाने के बदले 25 हजार रुपए मांगे। इस पर शेख ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। इसके बाद लोकायुक्त ने मामले की जिम्मेदारी निरीक्षक सुनील उइके को दी। उइके ने बताया कि शेख ने अंकित को 14 नवंबर को 20 हजार रुपए दे दिए थे। अंकित ने बाकी पांच हजार रुपए 18 नवंबर को देने का कहा। इस बीच इनकी फोन पर बातचीत होती रही। बुधवार को नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी ने शेख को फोन किया और कहा कि 'अंकित भैया बुला रहे है और बची राशि भी लाना।' शेख सराफा थाना पहुंचे, लेकिन अंकित ने राजेंद्र को रुपए लाने को कहा।
थाने से महज सौ मीटर दूर शेख ने राजेंद्र को रुपए दिए। इसके बाद टीम ने उसे धरदबोचा। पूछताछ में राजेंद्र ने अंकित का नाम बताया। उसे पकड़ने के लिए तुरंत टीम थाने में दाखिल हुई। उइके ने बताया कि फरियादी और अंकित के बीच पहले चर्चा हो चुकी थी। उसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है। उसके आधार पर दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।