टैगोर महाविद्यालय प्रबंधन की प्रताड़ना से तंग छात्र ने आत्महत्या की कोशिश की | INDORE NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर। TAGORE SHIKSHA MAHAVIDYALAYA प्रबंधन की प्रताड़ना से तंग आकर b.Ed के एक छात्र अजय मिश्रा ने आत्महत्या का प्रयास किया। कॉलेज प्रबंधन ने एडमिशन के समय बताया था कि वह डीएवीवी से एफिलेटेड है, परंतु डीएवीवी का कहना है कि कॉलेज का संबद्धता समाप्त हो चुकी है। छात्र ने जब अपनी सेमेस्टर की मार्कशीट की मांग की और ना मिलने पर कॉलेज प्रबंधन की शिकायतें करना शुरू किया तो कॉलेज प्रबंधन ने उसके साथ ना केवल मारपीट की बल्कि चपरासियों की तरफ से कॉलेज में झाडू-पोछा भी करवाया। अजय मिश्रा रीवा का रहने वाला है। उसने यूनिवर्सिटी और सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायतें की परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। निराश होकर छात्र ने सुसाइड नोट के लिए एक वीडियो बनाया और आत्महत्या की कोशिश की लेकिन उसके दोस्तों ने समय पर पहुंचकर उसे बचा लिया। 

छात्र मंगलवार को डीएवीवी जनसुनवाई में भी पहुंचा था

मिली जानकारी अनुसार जहर खाने वाले छात्र का नाम अजय मिश्रा निवासी शीतला माता बाजार है। अजय के अनुसार वह टैगोर शिक्षा महाविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रहा है। कॉलेज द्वारा पहले और दूसरे सेमेस्टर के एक्जाम करवाए जा चुके हैं, लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं दिया गया। वह नियमित रूप से कॉलेज जाता है, लेकिन उसके अलावा कभी-कभार एक-दो छात्र और आ जाते हैं। वहां कोई टीचर पढ़ाने वाला नहीं है। इसी शिकायत जब मैंने प्रबंधन से की तो उन्होंने मुझे धमकाया और फिर प्रताड़ित करने लगे। मेरे पिता ने एक लाख रुपए उधार लेकर दाेनाें सेमेस्टर की फीस भर दी है, इतना ही नहीं वे 10 हजार रुपए और ले चुके हैं। वे इसकी पावती भी नहीं देते। अब वे मुझसे 20 हजार रुपए और मांग रहे हैं। 

मैंने काॅलेज प्रबंधन से रिजल्ट की मांग की तो उन्हाेंने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया और मेरे साथ मारपीट करते हुए कहा कि हमारी पहचान डीएवीवी में उच्च पद पर बैठे लाेगाें से लेकर शिक्षा मंत्री तक है, जहां शिकायत करनी है कर ले, नहीं दे रहे रिजल्ट। इसके बाद 4 नवंबर 19 काे डीएवीवी से आई एक मैडम से मैंने शिकायत की तो उन्होंने उल्टा मेरे साथ ही मारपीट की और मुझे भगा दिया। मामले की शिकायत मैंने गांधीनगर थाने और सीएम हेल्पलाइन में की है। 

मां ने बताया कि कॉलेज में एक लाख रुपए के करीब फीस भी भर दी थी

छात्र के अनुसार मंगलवार को वह डीएवीवी की जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था, जहां मुझे बताया गया कि यह कॉलेज डीएवीवी से एफिलेटेड नहीं है। जबकि मैंने जब एडमिशन लिया था तो उसमें साफ तौर पर डीएवीवी का जिक्र था। इस कॉलेज की मान्यता डीएवीवी से 2019 में समाप्त हो गई, लेकिन विवि ने बच्चों को किसी और कॉलेज में शिफ्ट नहीं किया। हमें कॉलेज द्वारा इस बारे में जानकारी भी नहीं दी गई। शुरुआत में बस यही कहा गया कि डीएवीवी से मार्कशीट में साइन नहीं हुई है। इसलिए दो साल बाद एक साथ सभी रिजल्ट देंगे।

मां उषा मिश्रा ने बताया कि बेटे ने कॉलेज के सर ने धमकी दी थी तुझे जान से मार देंगे। हमने एक लाख रुपए के करीब कॉलेज मे जमा कर दिया था। कॉलेज वालों ने उसे मारा। थाने पर रिपोर्ट भी नहीं लिख रहे थे। हमने बेटे को समझाया था कि परेशान मत हो। स्टूडेंट ने बताया कि पीड़ित छात्र मूलत: रीवा का रहने वाला है। उनके साथ कॉलेज द्वारा उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। उससे फीस ले ली, लेकिन मार्कशीट नहीं दे रहे थे।

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