इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि वीरेश उपाध्याय पिता अर्जुन उपाध्याय उम्र 47 वर्ष निवासी- त्तकालीन पटवारी द्वारा जिला उज्जैन (लोक सेवक) का रहने वाला है। वीरेश उपाध्याय ने पटवारी के पद पर पदस्थ होकर अपनी सेवा प्रारंभ की और अपने सेवाकाल में प्रभावित व्यक्ति जिला उज्जैन में पदस्थ रहा।
प्रभावित व्यक्ति द्वारा योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार कर अपने व अपने परिवार के नाम से अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करना शुरू किया गया तथा अपनी आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति एकत्रित की गई। उक्त प्रकरण में पुरजोर तरीके से शासन का पक्ष विशेष लोक अभियेाजक, श्री एम.के. चतुर्वेदी द्वारा रखा गया।
अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग (म.प्र. ) के आदेशानुसार श्री व्हाय.पी. सिंह उप पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा अपराध क्रमांक 0/26/2011, धारा 13(1) ई, 13(2) भ्र नि अधि 1988 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था एवं असल अपराध क्रमांक 116/2011 धारा 13(1) ई , 13(2) भ्र नि अधि 1988 का दिनांक 15.10.2011 को थाना विपुस्था भोपाल पर पंजीबद्ध किया गया।
आरेापी द्वारा अर्जित उक्त अवैध संपत्ति को राजसात करने हेतु म.प्र. विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के अंतर्गत आवेदन राशि 40,62,670/- रूपये विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्रमांक 01 इंदौर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। उक्त आवेदन की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्रमांक-01 इंदौर (म.प्र. विशेष न्यायालय अधि. 2011) माननीय प्राधिकृत अधिकारी श्रीमान पी.सी.आर्य ने दिनांक 13/11/2019 को आदेश पारित किया जिसमें प्रभावित व्यक्तिगण वीरेश उपाध्याय आदि की कुल राशि 20,61,478/- रूपये की चल-अचल संपत्ति अधिहरण योग्य पाते हुये उज्जैन स्थित मकान 12,67,000/- रूपये तथा कृषि भूमि ग्राम भदेडचक 3,49,763/- रूपये तथा एक दु पहिया वाहन कीमत 56,000/- रूपये, नगद जप्ति 16,600/- रूपये की, बैंक खातों की राशि 43,986/-, एफ डी राशि 60,509/- रूपये तथा बीमा पॉलिशी 2,67,620/- कुल अधिहरित 20,61,478/- रूपये (confiscated) की जाकर सभी बंधनों से मुक्त म.प्र. राज्य को अधिहरित घोषित की जाती है।