इंदौर। सांवेर के पास 22 नवंबर को एक दुर्घटना युवक में उसका सीधा हाथ कोहनी के नीचे से कट गया। साथियों ने समझदारी दिखाई और सीधे डॉक्टर को फोन लगाकर कटे हुए हाथ और मरीज को सही तरीके से अस्पताल तक पहुंचाने का तरीका पूछा। युवक अपने परिवार में अकेला कमाने वाला है।
दुर्घटना के 45 मिनिट में सांवेर से युवक का कटा हुआ हाथ उससे पहले अस्पताल पहुंचा दिया गया और उसके 15 मिनिट बाद युवक को भी अस्पताल ले आया गया। सारी जांचे होने के बाद उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर सर्जरी शुरू कर की गई। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करके ना सिर्फ युवक का हाथ जोड़ा बल्कि आने वाली जिंदगी को लेकर टूटी उम्मीदों को भी दोबारा जोड़ दिया। डॉक्टर निशांत खरे प्रख्यात प्लास्टिक एवं माइक्रो वैस्कुलर सर्जन की अगुवाई में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ ज़ुबिन सोनाने, डॉ आशीष अग्रवाल और डॉ ज्ञानेश पाटीदार (Dr. Nishant Khare is an orthopedic surgeon, eminent plastic and micro vascular surgeon Dr. Sandeep Aggarwal, Dr. Zubin Sonane, Dr. Ashish Aggarwal and Dr. Gyanesh Patidar) की टीम ने मिलकर इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया।
सर्जरी को सफलतापूर्वक करने वाले प्लास्टिक एंड माइक्रोवैस्कुलर सर्जन डॉ. निशांत खरे ने बताया कि इस तरह के मामलों में लोग कटे हुए अंग को सही तरीके से और सही समय पर अस्पताल लेकर नहीं आते इसलिए सर्जरी करके अंग को फिर जोडऩा कठिन हो जाता है। यदि मरीज के शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को 3 घंटे के अंदर बर्फ में रखकर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है। यह ध्यान रखना जरुरी है कि अंग को सीधे बर्फ के संपर्क में ना रखते हुए पॉलीथिन में रखना चाहिए। सीधे बर्फ के संपर्क में आने पर अंग गलने लगेगा। 6 घंटे के अंदर अंग शरीर से जुड़ जाए तो वह पहले की तरह काम करने लग सकता है पर इस तरह के ऑपरेशन की तैयारी में समय लगता है इसलिए मरीज को हर हाल में तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
सर्जरी को सफलतापूर्वक करने वाले प्लास्टिक एंड माइक्रोवैस्कुलर सर्जन डॉ. निशांत खरे ने बताया कि इस तरह के मामलों में लोग कटे हुए अंग को सही तरीके से और सही समय पर अस्पताल लेकर नहीं आते इसलिए सर्जरी करके अंग को फिर जोडऩा कठिन हो जाता है। यदि मरीज के शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को 3 घंटे के अंदर बर्फ में रखकर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है। यह ध्यान रखना जरुरी है कि अंग को सीधे बर्फ के संपर्क में ना रखते हुए पॉलीथिन में रखना चाहिए। सीधे बर्फ के संपर्क में आने पर अंग गलने लगेगा। 6 घंटे के अंदर अंग शरीर से जुड़ जाए तो वह पहले की तरह काम करने लग सकता है पर इस तरह के ऑपरेशन की तैयारी में समय लगता है इसलिए मरीज को हर हाल में तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।