जबलपुर। मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग के अंतर्गत वेटरनरी विश्वविद्यालय में इन दिनों 10 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। खुला आरोप लगाया जा रहा है कि यह एक भर्ती घोटाला है। जिन उम्मीदवारों ने रिश्वत दी है केवल उन्हें ही नियुक्तियां दी जा रही है। बता देंगे इस भर्ती के लिए विज्ञापन 22 अगस्त 2016 को जारी किया गया था। इसके बाद 2018 तक विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। 2018 में अन्य रिक्त पदों को समायोजित किया गया लेकिन आप कुछ चुने हुए उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया और इसी दौरान नियुक्ति आदेश सौंप दिए गए।
पूरा मामला समझिए
जानकारी के मुताबिक वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2016 में शैक्षणिक पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया। इसमें प्रोफेसर से लेकर एसोसिएट और असिस्टेंड प्रोफेसर के रिक्त पदों के लिए भर्ती की जानी थी लेकिन 2018 तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। एक भी चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति पत्र नहीं मिला। इसके बाद 2018 में फिर विज्ञापन जारी किए गए, इसमें पुराने पदों को जोड़कर अन्य खाली पदों को भी समाहित किया गया, जिससे रिक्त पदों की संख्या तकरीबन 48 तक पहुंच गई। अब इन पदों में से सिर्फ 10 पदों के लिए उम्मीदवारों को बुलाया गया है। शेष 38 पदों के लिए साक्षात्कार नहीं लिए जा रहे हैं। इन 10 पदों में 2 जनरल और शेष 8 कैटेगरी के हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध क्यों किया जा रहा है
रिक्त पदों पर सैकड़ों उम्मीदवार से आवेदन किया। उनके 800 रुपए परीक्षा फीस भी ली, जो अभी तक वापस नहीं की गई। 26 से 28 नवंबर के बीच लिए जा रहे साक्षात्कार में सिर्फ शेष 10 पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को बुलाया, शेष अभी भी साक्षात्कार का इंतजार कर रहे हैं। निकाले गए पद में सिर्फ कुछ को बुलाया और बाकी को नहीं बुलाया, इससे भर्ती प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है। वहीं एनएसयूआई का कहना है कि साक्षात्कार लेने में जल्दबाजी और भर्ती प्रक्रिया के दौरान ज्वाइंनिग लेटर जारी करना, विवि पर सवाल खड़े करता है।
हम सभी नियमों को ध्यान में रखकर भर्ती कर रहे हैं: कुलसचिव
डॉ.आरके जोशी, कुलसचिव, वेटरनरी विवि का कहना है कि विवि प्रशासन के पास 48 पदों की स्वीकृति है, जिसमें से 10 पदों के लिए साक्षात्कार किए जा रहे हैं। विवि प्रशासन भर्ती नियमों को ध्यान में रखकर ही यह प्रक्रिया कर रहा है। संबंधित विभागों से स्वीकृति भी ली गई है।
भ्रष्टाचार हुआ है, जिन्होंने रिश्वत दी उन्हें नियुक्ति दी जा रही है: एनएसयूआई
सचिन रजक, प्रवक्ता, एनएसयूआई का कहना है कि विवि साक्षात्कार लेने में इतनी जल्दबाजी कर रहा है, जो कई सवाल खड़े करते हैं। भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही जॉइनिंग लेटर भी जारी कर दिए गए। इतना ही नहीं रिक्त पद पर भर्ती कराने के लिए कईयों ने पहले ही पैसा ले लिया है। इसमें से कुछ रिकॉर्डिंग भी सामने आई हैं।