उपदेश अवस्थी। सफल लोगों के बारे में सभी जानना चाहते हैं। उन्हें क्या पसंद है, क्या ना पसंद है। वह कैसे रहते हैं, क्या खाते हैं, क्या पढ़ते हैं। उनकी आदत है क्या है। यदि बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो तो उनकी तो हर छोटी से छोटी बात लोग जानना चाहते हैं। भारत ही नहीं दुनियाभर में उनके करोड़ों फैंस। जानना चाहते हैं कि गुजरात का सामान्य बालक नरेंद्र आज देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैसे बन गया। कैसे एक सामान्य सी शिक्षा हासिल करने वाला व्यक्ति, देश की तमाम जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढ लेता है। उनके अंदर क्या खास है। उनकी नॉलेज का इनपुट क्या है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं पीएम नरेंद्र मोदी की नॉलेज का इनपुट क्या है:
पीएम मोदी ने खुद बताया उनकी नॉलेज का इनपुट क्या है | GK IN HINDI
मन की बात के 59वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसका रहस्योद्घाटन किया है। यह तो सभी जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए मेडिटेशन और योगा सबसे पहला और अनिवार्य सोर्स है। इसका अभ्यास करते हुए उन्होंने न केवल खुद पर नियंत्रण पाने में सफलता हासिल की बल्कि दुनिया के तमाम विषयों पर विजय हासिल करने की तकनीक भी प्राप्त कर ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर क्या देखते हैं
मन की बात के 59 वें संस्करण में रोहतक, हरियाणा के एक स्टूडेंट अखिल ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह बहुत व्यस्त रहते हैं लेकिन क्या इसके बावजूद उन्हें टीवी देखने, फिल्में देखने या किताबें पढ़ने का वक्त मिल पाता है? इस पर पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, मैं हमेशा किताबें पढ़ने का शौकीन रहा हूं लेकिन मेरी फिल्में देखने में कोई रुचि नहीं रही, न ही मैंने लगातार टीवी देखी है। हालांकि, पहले कभी-कभी मैं डिस्कवरी चैनल (Discovery Channel) देखा करता था। पीएम मोदी ने कहा, मैं किताबें पढ़ा करता था लेकिन आजकल मैं बहुत नहीं पढ़ पाता और गूगल ने भी हमें बिगाड़ा है क्योंकि हम कभी भी उससे किसी चीज के बारे में जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता के रहस्य
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले भी फिल्में या टीवी सीरियल नहीं देखते थे। उनकी रुचि डिस्कवरी जैसे चैनल में थी। जहां जानकारी मिलती है। नए अनुसंधानों के बारे में पता चलता है। प्रकृति का मूल चेहरा और विज्ञान की तरक्की नजर आती है।
नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर वक्त खर्च नहीं करते। इंटरनेट के माध्यम से जानकारी बढ़ाने के लिए वह गूगल जैसे सर्च इंजन का यूज़ करते हैं। जहां अफवाह नहीं होती। विशेषज्ञों के लिखे हुए ब्लॉग होते हैं।
एजुकेशन के मामले में भले ही टॉपर ना रहे हो लेकिन लाइफ का गोल जरूर टॉप पर जाकर अचीव किया है। उनकी सबसे अच्छी दोस्त उनकी किताबें है। किताबें पढ़ना उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह नियमित रूप से किताबें पढ़ते थे और यह बताने की जरूरत नहीं की किताबों से दोस्ती के कारण ही प्रधानमंत्री पद तक पहुंच पाए। क्योंकि किताबों में जो आइडिया छुपे हैं, किताबों में जो क्रिएटिविटी मिलती है उसका कोई विकल्प नहीं है।