भोपाल न्यूज़ नेटवर्क। पिछले दिनों कमलनाथ सरकार ने तय किया था कि मध्य प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को खाने के लिए अंडे दिए जाएंगे। इससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और कुपोषण की शिकायत कम होगी। आंगनवाड़ी में अंडों को मंजूरी के बाद सवाल आया कि रासायनिक प्रक्रिया से तैयार किए गए अंडे बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। उन्हें देसी एवं ताजे अंडे उपलब्ध कराने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में मुर्गियों का पालन किया जाए। जिला पंचायत नीमच ने इसका एक प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया है। यदि मंजूर हुआ तो पूरे प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के साथ मुर्गियों का भी पालन पोषण हुआ।
आंगनवाड़ी में मुर्गी पालन प्रस्ताव के समय विधायक माधव मारू भी उपस्थित थे
जिला पंचायत नीमच की अध्यक्ष अवंतिका जाट, सीईओ भव्या मित्तल व मनासा विधायक माधव मारू की मौजूदगी में प्रस्ताव पेश हुआ कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडे के बजाय सीधे मुर्गियां भेजी जाएं। हर आंगनवाड़ी केंद्र में जरूरत के अनुसार 10 से 20 मुर्गियां भेजें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुर्गियों का पालन पोषण करेंगी। इससे बच्चों को ताजा अंडे मिलेंगे।
अब जिला पंचायत आंगनवाड़ियों में मुर्गी पालन के लिए मध्यप्रदेश शासन को प्रस्ताव भेजेगा
जिपं सदस्य दिनेश परिहार ने कहा, रोजाना अंडे कहां से मंगाएंगे। इंजेक्शन वाले अंडे बांटने से बच्चों की सेहत खराब हो सकती है। ऐसे में मुर्गी पालना ठीक रहेगा। महिला बाल विकास अधिकारी संजय भारद्वाज ने बिंदु नोट किए और प्रस्ताव शासन को भेजा जाना तय हुआ। गौरतलब है कि जिपं में भाजपा का स्पष्ट बहुमत है। सदस्यों ने सर्वानुमति से प्रस्ताव काे मंजूरी दे दी।
भाजपा की किसी भी सदस्य हैं अंडा नीति का विरोध नहीं किया
बता दें कि जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों का बाहुल्य है। यहां कोई भी फैसला भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की मर्जी के बिना नहीं हो पाता। जिला पंचायत की बैठक में किसी भी सदस्य में आंगनवाड़ियों में अंडा वितरित कराने का विरोध नहीं किया बल्कि मुर्गी का नया फंडा ले आए।