जबलपुर। जिला अदालत के फैसले के खिलाफ विधानसभा की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर पवई पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी (Prahlad Lodhi) हाईकोर्ट ( High Court) पहुंचे। प्रहलाद लोधी ने कांग्रेस सरकार को हिटलर शाही सरकार व विधानसभा अध्यक्ष को हिटलर बताया है। उन्होंने विधानसभा के इस फैसले को तानाशाह बताया है। भोपाल जिला अदालत ने मारपीट के एक मामले में प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी।
दरअसल प्रहलाद लोधी के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में एक मामला चल रहा था, जिसमें जिला अदालत ने प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि इस मामले में प्रहलाद लोधी को तुरंत जमानत भी दे दी गई। इस लेकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है। जहां एक तरफ कांग्रेस इस फैसले का समर्थन कर रही है, वहीं बीजेपी इसे तानाशाही बता रही है।
प्रहलाद लोधी जिला अदालत के इसी फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील लगाने के लिए पहुंचे।प्रहलाद लोधी ने जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी है और अपने खिलाफ सुनाए गए सजा के फैसले को गलत बताया है। प्रहलाद लोधी का कहना है कि निचली अदालत ने उन्हें जो सजा दी है। वह सजा सही नहीं है।फिलहाल मामला हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है, लेकिन कुछ कागजात कम होने की वजह से अभी यह सुनवाई पर नहीं आया है।
प्रहलाद लोधी का कहना है वे समझ नहीं पाए कि आखिर उनकी सदस्यता खत्म करने के पीछे इतनी जल्दबाजी क्यों की गई, जबकि विधानसभा में एक और सदस्य हैं, जिनको 1 साल की सजा हुई है और वह जेल में भी हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी सदस्यता समाप्त नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई का कहना है की प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने का आदेश अपूर्ण है और विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है यदि प्रह्लाद लोधी को सुनाई गई सजा हाईकोर्ट में खारिज कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में क्या प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाएगी। अजय विश्नोई का आरोप है की कांग्रेस सरकार सनसनी फैलाना चाहती है। वह डरी हुई है और विधायकों को बांधे रखने के लिए इस तरीके के फैसले कर रही है।