भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में दहशत का दूसरा नाम बना 'सपाक्स' अब सूखे हुए पत्तों की तरह बिखरता नजर आ रहा है। पूर्व नौकरशाह हीरालाल त्रिवेदी ने सपाक्स पार्टी का गठन तो कर लिया लेकिन सपाक्स के नाम और उसके जनाधार को संभालने में नाकाम रहे। सपाक्स पार्टी के गठन के 1 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित सभा में ज्यादातर कुर्सियां खाली नहीं। नाकाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी खाली कुर्सियों को भाषण सुना दे रहे।
इस्तीफा देने के बजाय हीरालाल त्रिवेदी ने सभा को संबोधित किया
सपाक्स पार्टी की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सभा में हीरालाल त्रिवेदी के कुछ मित्र उनके रिश्तेदार और कार्यकर्ता उपस्थित हुए। खाली कुर्सियों से आहत होकर इस्तीफा देने के बजाय हीरालाल त्रिवेदी ने सभा को संबोधित किया। त्रिवेदी ने कहा कि सपाक्स पार्टी देश और समाज को बांटने वाले सभी कानूनाें का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत जो जातिगत आरक्षण रोस्टर लागू किया है, उसका पूरी ताकत से विरोध करेंगे।
पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. वीणा घाणेकर ने कहा कि सपाक्स वर्ग के खिलाफ 80% मामले झूठे पाए गए। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जोगेंदर सिंह भदोरिया, उप्र अध्यक्ष अमरदीप सिंह, बिहार अध्यक्ष अंशु पाठक, राजस्थान के प्रदेश संयोजक राधेश्याम सिंह परमार, गुजरात के प्रदेश संयोजक शैलेश शुक्ला आदि भी शामिल हुए।