भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अयोध्या की विवादित जमीन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सवाल किया है कि बाबरी मस्जिद को ढहाने वालों को सजा कब मिलेगी। बता दें कि इस घटना को 29 साल हो गए हैं। यह मामला लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहा है।
दिग्विजय सिंह ने आज रविवार को एक ट्वीट किया। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को गैर कानूनी अपराध माना है। ऐसे में क्या दोषियों को सजा मिल पायेगी? उन्होंने कहा कि देखते- देखते 29 साल हो गए हैं। बता दें कि यह मामला लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल 2020 में इस मामले पर फैसला सुना दिया जाएगा। सीबीआई अदालत ने 2019 में इस मामले में आरोप तय किए थे। भाजपा नेता तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के खिलाफ अभियोजन की ओर से गवाह पेश करने में देरी की जा रही है।
इन नेताओं को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया था खारिज
भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सुनवाई 25 मई, 2017 को लखनऊ की इस विशेष अदालत में शुरू हुई थी क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितंबर, 2019 में सुनवाई शुरू हुई। राज्यपाल के रूप में उन्हें कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त थी। वर्ष 1992 में छह दिसंबर को जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
शनिवार को आया था फैसला
बता दें कि शनिवार को अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आया था। चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई ने विवादित जमीन रामलला विराजमन को देने का फैसला सुनाया था। साथ ही फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा था। दरअसल, सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।