भोपाल। शिवराज सिंह के शासनकाल में मध्यप्रदेश को कई बार 'कृषि कर्मण अवार्ड' मिला। इस अवार्ड को शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश की बड़ी सफलता बताया। हर बार पूरे प्रदेश में होर्डिंग लगाकर यह बताया जाता था कि शिवराज सरकार को कृषि कर्मण अवार्ड मिला है लेकिन अब वर्तमान किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव का दावा है कि वह अवार्ड फर्जी आंकड़ों के आधार पर हासिल किए गए थे।
शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर माइनस में थी: कृषि मंत्री
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों के साथ छल किया, खुद की प्रसिद्धि और ऋण माफी का ढोल पीटा। देशभर में मप्र की कृषि विकास दर 20 से 24 प्रतिशत बताई गई लेकिन सरकार बदलने पर हकीकत सामने आई। 2013-14 में माइनस 1.9 प्रतिशत, 14-15 में 1.3 प्रतिशत, 15-16 में माइनस 4.1 एवं 16-17 में 0.1 प्रतिशत थी।
शिवराज के लिए फर्जी आंकड़े बनाने वाले अफसरों पर कार्रवाई होगी: कृषि मंत्री
उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया, यही कारण है कि किसानों की आत्महत्या में प्रदेश अव्वल रहा। उन्होंने बताया कि फर्जी आंकड़े देकर कृषि कर्मण अवार्ड लिए गए इसकी जांच की जा रही है दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिवराज सरकार ने फसल बीमा का पैसा जमा नहीं कराया, किसानों को आत्महत्या करनी पड़ी
कृषि मंत्री सचिन यादव ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने 2017-18 व 2018-19 के लिए फसल बीमा का 2301 करोड़ रुपए का राज्यांश बीमा कंपनियों का जमा नहीं किया इसलिए हमें फसल बीमा 2019 का केंद्र सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही जबकि इस साल खरीफ के राज्यांश 509.60 करोड़ रुपए हम बीमा कंपनियों को दे चुके हैं।