भोपाल। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 165 व 172 में संशोधन के बाद शुरू हुए विरोध के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ में इस मामले में स्पष्टीकरण पेश किया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति अब सरकार द्वारा दी जाएगी, जबकि यह सरासर गलत है।
सीएम कमलनाथ ने कहा कि किसी भी अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति नहीं है और ना ही इस प्रावधान में सरकार ने कोई बदलाव किया है। प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी भी आदिवासी भाई की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं। मध्यप्रदेश की सरकार आदिवासियों के हितों का संरक्षण करने के लिए पहले दिन से ही वचनबद्ध है और आदिवासियों के हित में निरंतर कदम उठा रही है।
राज्य सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है वह यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय सीमा थी बस उसे समाप्त कर दिया है। यह कदम भी इन क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से व आदिवासी भाइयों के हित में उठाया गया है।