जैसा हम सबको पता है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। हालांकि विज्ञापन जारी होने के बाद ही इस परीक्षा का विज्ञापन विवादों में आ गया है। सबसे पहले तो कई समाचार पत्रों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बढ़ाई गई फीस का विरोध किया है। साथ ही इस विज्ञापन में पदों के आरक्षण को सही से विभाजित नहीं किया गया है इसका स्पष्टीकरण कुछ इस प्रकार है।
-मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस बार कुल 330 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित करने के लिए विज्ञापन निकाला है जिसमें ओबीसी को 107 एवं ईडब्ल्यूएस को 19 पद मिले हैं। अतः हम देखेंगे कि ओबीसी को 32.42% पद तथा ईडब्ल्यूएस को 5.7% पद मिले हैं अतः ओबीसी को 27% से अधिक रिजर्वेशन दे दिया गया है और ईडब्ल्यूएस को 10% से कम आरक्षण दिया है।
-अगर हम सम्मिलित पदों को छोड़कर विभागीय पदों की बात करें तो भी हम देखेंगे कि यहां भी आरक्षण का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया गया है।
-लोक सेवा आयोग ने 10 विभागों में पद निकाले हैं सबसे पहले उप पुलिस अधीक्षक में कुल 22 पद हैं जिनमें छह पद ओबीसी के लिए आरक्षित है जो कि 27.27% होता है अर्थात यहां भी 27% की सीमा का उल्लंघन किया गया है।
-दूसरा विभाग है कोषालय अधिकारी/लेखा अधिकारी/सहायक संचालक जिसमें कुल 24 पद है जिनमें 14 पद ओबीसी के लिए और ईडब्ल्यूएस के लिए कोई पद नहीं दिया गया है अर्थात ओबीसी के लिए 58.33% आरक्षण दिया गया है जो कि आरक्षण की सीमा का साफ-साफ उल्लंघन है एवं ईडब्ल्यूएस को कोई पद नहीं देना 10% के आरक्षण का उल्लंघन है।
-अगले पद में आता है सहायक संचालक जो कि जनसंपर्क विभाग में है इसमें कुल पद 11 है और ओबीसी को 4 पद दिए गए हैं यहां 4 पद याने कि 36.36% होता है यह भी 27% की सीमा का उल्लंघन है।
-अंत में अधीनस्थ लेखा सेवा में कुल पद 88 है जिनमें ओबीसी के लिए 33 एवं ईडब्ल्यूएस के लिए कोई पद आरक्षित नहीं किया गया है ओबीसी का प्रतिशत होता है 30% जो कि 27% आरक्षण की सीमा का उल्लंघन है एवं यहां पर ईडब्ल्यूएस के 10% आरक्षण होने के बाद भी यहां पर ईडब्ल्यूएस में कोई पद दिया गया नहीं है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 27% मध्यप्रदेश के रिजर्वेशन को ध्यान में रखा है जबकि इस पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में रोक लगी हुई है अर्थात जो प्रकरण न्यायालय में लंबित है उसी आधार पर आपने इस विज्ञापन को जारी किया है और तो और लोक सेवा आयोग 27% की सीमा से भी ऊपर निकल गया है जैसा कि उपरोक्त लेख में मैंने बताया है।
अतः मेरा निवेदन है कि लोक सेवा आयोग द्वारा जल्दबाजी में निकाले गए विज्ञापन को वापस लेकर इस को नए सिरे से सही आरक्षण व्यवस्था के साथ निकाला जाए साथ ही साथ बढ़ाई गई फीस को कम करके फीस निर्धारित की जाए और साथ ही साथ ईडब्ल्यूएस जो कि आर्थिक रूप से वैसे ही कमजोर वर्ग है उसके लिए फीस में छूट का प्रावधान भी किया जाए।
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