MPPSC के जरिए 450 कॉलेज प्रिंसिपल का चयन करवाएंगे, लेकिन आवेदन कोई नहीं कर पाएगा

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग भी स्कूल शिक्षा विभाग की तरह समाज में मजाक और निंदा का पात्र बनता जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं मंत्री जीतू पटवारी ने तय किया है कि मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल का चयन मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा इंटरव्यू के माध्यम से करवाया जाएगा। इसके लिए जो नियम तय किए गए वह कुछ ऐसे हैं कि एक भी उम्मीदवार प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा।

मध्य प्रदेश के 450 सरकारी कॉलेज प्रभारी प्रिंसिपल के भरोसे

प्रदेश महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार गलत तरीके से यह भर्ती करने जा रही है जो संभव ही नहीं है। बता दें कि वर्तमान में करीब 450 सरकारी कॉलेज प्रभारी प्रिंसिपल के भरोसे संचालित हो रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले साल भर्ती नियमों में भी संशोधन कर दिया है। इसके तहत 75 फीसदी पद सीधी भर्ती के जरिए भरे जाएंगे, जबकि 25 फीसदी पद प्रमोशन के जरिए भरे जाएंगे। 

प्रिंसिपल का पद प्रमोशन से भरा जाना चाहिए, प्रस्ताव अन्याय पूर्ण

प्रदेश महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ का कहना है कि इससे प्रमोशन के अवसर कम हो जाएंगे। जबकि बाहरी लोगों के सामने सीधे भर्ती होने के अवसर बढ़ जाएंगे। प्रोफेसरों में वरिष्ठता सूची को लेकर विवाद है। इसे लेकर प्रोफेसरों के कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं इस कारण इनके प्रमोशन अटके पड़े हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण को लेकर मामला विचाराधीन होने के कारण प्रमोशन अटके हुए हैं।

उच्च शिक्षा विभाग में नियम ही गलत बना दिया, कोई इंटरव्यू नहीं दे पाएगा

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव के मुताबिक प्रोफेसर पद पर दस साल और एसोसिएट प्रोफेसर पद पर पंद्रह साल रहने का अनुभव रखने वाले प्रिंसिपल बनने के लिए पात्र होंगे। ऐसे में विवाद इस बात को लेकर है कि एसोसिएट प्रोफेसर बनते-बनते उम्र 45 से 50 साल हो जाती है। जबकि प्रोफेसर बनने तक उम्र 50 से 55 तक पहुंच जाती है। बतौर एसोसिएट प्रोफेसर दस से पंद्रह साल का अनुभव होना अनिवार्य रहेगा, जबकि प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के मुताबिक अधिकतम 45 वर्ष की आयु तक ही उम्मीदवार भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकता है। ऐसे में कोई भी प्रिंसिपल भर्ती के लिए होने वाले इंटरव्यू में कैसे शामिल हो पाएगा।

सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का अध्ययन ही नहीं किया

विभाग ने जिस तरह से प्रस्ताव तैयार किया है वो व्यावहारिक तौर पर संभव ही नहीं है। जब तक एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद तक कोई व्यक्ति पहुंचता है तब तक उसकी आयु 50 से 60 तक हो जाती है। ऐसे में जीएडी के नियमों के मुताबिक कैसे कोई पात्र उम्मीदवार मिल पाएगा। 
डॉ. कैलाश त्यागी, अध्यक्ष प्रदेश प्राध्यापक संघ

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का बयान 
जीतू पटवारी, मंत्री उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि विभाग के लिए छात्रहित ही सर्वोपरि है। सारे नियमों को देखकर जो छात्रहित में होगा वो ही किया जाएगा। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!