नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार देशभर के एक करोड़ मकान मालिकों के लिए मॉडल किराया नियंत्रण अधिनियम बनाने जा रही है। सरकार का दावा है कि इस अधिनियम से मकान मालिकों के हित सुरक्षित होंगे और वह बिना किसी डर के अपने मकान किराए पर दे सकेंगे। वर्तमान में कई मकान मालिक सिर्फ इसलिए अपने मकान किराए पर नहीं देते क्योंकि उन्हें डर होता है कि किराएदार उनके मकान पर कब्जा कर लेगा।
आवास और शहरी मामले के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि देश में एक करोड़ से अधिक लोगों के पास मकान तो हैं पर वह किराए पर देने से डर रहे हैं। केंद्र सरकार इसीलिए 'माडल किराया नियंत्रण अधिनियम' बना रही है। इससे मकान किराए पर देना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद रियल स्टेट सार्वाधिक रोजगार देने वाला सेक्टर है। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में रेरा के राष्ट्रीय अधिवेशन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्यों द्वारा किराया नियंत्रण अधिनियम को अपने यहां लागू किए जाने के बाद किराएदारी को लेकर होने वाला विवाद काफी हद तक खत्म होगा और लोग घरों को किराए पर दे सकेंगे। इससे भी लोगों की काफी हद तक आवासीय समस्याएं दूर होंगी। रियल स्टेट की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ई-कामर्स पोर्टल भी बनाने जा रही है।
केंद्रीय योजना में यूपी काफी बेहतर
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री फ्लैगशिप योजना में बेहतर काम कर रहा है। देशभर में रेरा में करीब 45000 मामले चल रहे हैं। इसमें उत्तर प्रदेश की स्थिति काफी बेहतर है। यूपी में 1200 मामलों का निस्तारण हो चुका है। मेट्रो रेल परियोजना के क्षेत्र में बेहतर काम हो रहा है। उदाहरण देते हुए कहा कि जून 2015 से मार्च 2017 तक सिर्फ 22 किमी ही परियोजना को मंजूरी मिली थी, लेकिन अप्रैल 2017 से अक्तूबर 2019 तक 72.76 किमी परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। आगे चलकर यह करीब 200 किमी होने वाली है।