भोपाल। दिल्ली की तर्ज पर नोएडा और गुड़गांव तरह भोपाल-इंदौर हाईवे पर भोपाल और इंदौर के पास 3-3 लाख आबादी वाली दो नई स्मार्ट सिटी बनाई जाएंगी। दोनों स्मार्ट सिटी सेल्फ सस्टेन होंगी। यानी यहां हाउसिंग के साथ रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के पूरे इंतजाम होंगे। शहर बसाने की प्लानिंग सेल्फ फाइनेंसिंग पद्धति से होगी। यानी जमीन अधिग्रहण से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तक पर शासन कोई खर्च नहीं करेगा।
इंदौर और भोपाल में आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी ने दो नई स्मार्ट सिटी की प्लानिंग की जिम्मेदारी स्टेट इंस्टीट्यूट अॉफ टाउन प्लानिंग (State Institute of Town Planning) को दी है। दोनों शहरों के पास 5-5 हजार एकड़ जमीन की तलाश हो रही है। यहां मिक्स लैंडयूज के आधार पर इंटिग्रेटेड स्मार्ट सिटी डेवलप की जाएगी। जगह तय होने के बाद इनका मास्टर प्लान इस तरह बनाया जाएगा कि यहां उद्योग, व्यवसाय, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। दोनों स्मार्ट सिटी भोपाल और इंदौर पर बढ़ रहे शहरीकरण के दबाव को कम करेंगी।
इंदौर और भोपाल में आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी ने दो नई स्मार्ट सिटी की प्लानिंग की जिम्मेदारी स्टेट इंस्टीट्यूट अॉफ टाउन प्लानिंग (State Institute of Town Planning) को दी है। दोनों शहरों के पास 5-5 हजार एकड़ जमीन की तलाश हो रही है। यहां मिक्स लैंडयूज के आधार पर इंटिग्रेटेड स्मार्ट सिटी डेवलप की जाएगी। जगह तय होने के बाद इनका मास्टर प्लान इस तरह बनाया जाएगा कि यहां उद्योग, व्यवसाय, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। दोनों स्मार्ट सिटी भोपाल और इंदौर पर बढ़ रहे शहरीकरण के दबाव को कम करेंगी।
नए शहर नहीं बसे तो बढ़ जाएंगी मुश्किलें
भविष्य की जरूरत को देखते हुए मप्र के दोनों बड़े शहर इंदौर और भोपाल के आसपास नए शहरों का डेवलपमेंट जरूरी है। नए शहर नहीं बसे तो दोनों शहरों पर आबादी और ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक होगा कि यहां सुविधाओं का प्रबंधन मुश्किल हो जाएगा। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में पारिवारिक, सामाजिक और प्रोफेशनल आयोजनों के लिए स्थान तलाशना मुश्किल काम हो गया है, जबकि भोपाल-इंदौर में अभी ऐसे स्थान तुलनात्मक रूप से अभी आसानी से उपलब्ध हैं।
भोपाल- इंदौर हाईवे पर दोनों शहरों के समीप एक-एक स्मार्ट सिटी डेवलप करने के लिए आरएफपी(रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी किया है। डेवलपमेंट इस तरह करेंगे कि सरकार पर आर्थिक बोझ न आए।
स्वतंत्र कुमार सिंह, एक्जीक्युटिव डायरेक्टर, सीटॉप
स्वतंत्र कुमार सिंह, एक्जीक्युटिव डायरेक्टर, सीटॉप