मंडला। प्रदेश में चल रही शीतलहर के साथ ही पूरे महाकोशल तथा विंध्य में कड़ाके ठंड पड़ रही है। मंडला के कान्हा टाइगर नेशनल पार्क में पारा लुढ़क कर शून्य डिग्री पर आ गया। विंध्य के टीकमगढ़ जिले में पारा 1.5 रहा जबकि सतना रीवा सीधी में न्यूनतम तापमान 3 से लेकर 5 डिग्री तक रहा। पार्क एरिया कान्हा में जहां न्यूनतम तापमान शून्य डि.से. पर पहुंच गया वहीं बांधवगढ़ में 0.2 डि.से. रिकार्ड हुआ।
नर्मदा के तटीय जिलों में न्यूनतम तापमान 2 डि.से. के नीचे तक खिसक गया। अमरकंटक में न्यूनतम तापमान 1.6 रहा तो डिण्डोरी जिले के चाड़ा में पारा 1.2 डि.से. रहा। सिवनी जिले के पेंच टाइगर पार्क में न्यूनतम तापमान 4 से 3 डि.से. के बीच रहा। कटनी में 3 डिग्री की गिरावट के साथ न्यूनतम तापमान 4 डि.से. रिकार्ड हुआ। जबलपुर, बालाघाट व सिवनी में भी शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को करीब 0 . 5 डि.से. की और गिरावट देखी गई।
शीतलहर ने ठिठुराया तो गलन ने कंपकंपाया
न्यूनतम तापमान का पारा और नीचे जाते ही पार्क एरिया तथा नर्मदा पट्टी वाले इलाकों में ओस बर्फ बन कर जम गई। ओस के बर्फ बनने और उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं के कारण गलन ने ढिढुरन बढ़ा दी। डिंडोरी के करंजिया , बालाघाट के बैहर -लांजी तथा सिवनी के पेंच-कुरई वाले इलाकों में गलन व शीतलहर का प्रकोप ज्यादा महसूस किया गया। यहां सुबह वाहनों, घर के बर्तनों, पेड़ के पत्तों, घास आदी पर बर्फ की सफेद परत जमी नजर आई। यही स्थिति कान्हा व बांधवगढ़ से सटे इलाकों में देखी गई।
कोयलांचल में जमी ओस, फैली सफेद चादर
शीतलहर बढऩे के साथ ही कोयलांचल में तापमान अपने न्यूनतम स्तर से नीचे पहुंच रहा है। शनिवार सुबह तापमान 5.1 डिग्री दर्ज हुआ। जिससे निचले क्षेत्रों में ओस जम गई। सबसे ज्यादा असर फसलों पर पड़ा। साब्जियां और पौधे इसके प्रभाव से झुलसकर काले हो गए। वहीं मैदानों में ओस की बूंदें जमने से सफेद चादर फैल गई। वाहनों और टीन की सीट के ऊपर भी बर्फ की मोटी परत जम गई।
दिन भर हवाएं 6 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती रही, जिसमें आद्रता 25 फीसदी रही। दिनभर आसमान साफ रहने और धूप तपने के बावजूद लोग गर्म कपड़ों में ही घरों के बाहर निकले। इससे पहले शनिवार सुबह 3 बजे से 7 बजे तक तापमान 5.1 डिग्री बना रहा। दिन में अधिकतम तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया। जारी वर्ष के दौरान शुक्रवार- शनिवार की दर्मियानी रात सबसे अधिक सर्द रात रही। जिसमें ओस भी जम गई। सुबह घूमने निकले लोगों ने इस नजारें का लुत्फ उठाया और उसके साथ अपनी तस्वीरें भी निकाली।
परासिया तहसीलदार वीर बहादुर सिंग धुर्वे कहते हैं कि जाटाछापर में पाला पडऩे से फसल को नुकसान होने की सूचना मिली है, जिसकी जांच करवाई जाएगी। उद्यानिकी अधिकारी एसआर चौकसे कहते हैं कि जाटाछापर क्षेत्र में किसानों ने एक माह देरी से लाल आलू लगाया, जिस पर पाला का प्रभाव पड़ा है।