भोपाल। संविदा कर्मचारी एवं अतिथि शिक्षक व अतिथि विद्वानों के विरोध का सामना कर रही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (kamalnath government) स्थाई कर्मचारी एवं पेंशनर्स (permanent employee and pensioners) के लिए एक शानदार फ्री हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (free Health Insurance Scheme) प्लान कर रही है। इस स्कीम के तहत मध्य प्रदेश के प्राइवेट एवं सरकारी अस्पतालों (private and government hospitals) में 10 लाख तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल 2020 से यह योजना लागू कर दी जाएगी।
सरकार ने कर्मचारी नेताओं से सुझाव मांगे | Government sought suggestions from employee leaders
कमलनाथ सरकार ने इस हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम को सबके लिए फायदेमंद बनाने हेतु मध्य प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त सरकारी कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे हैं। योजना पर काम कर रहे अधिकारी चाहते हैं कि कर्मचारियों के वेतन से बतौर प्रीमियम एक न्यूनतम रकम जरूर काटी जाए। हालांकि सरकार ने इसे अभी तक फाइनल नहीं किया है। माना जा रहा है कि या योजना कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदेमंद बनाई जाएगी।
हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का प्रस्तावित ड्राफ्ट | Proposed draft of the health insurance scheme
एमपी सरकार की योजना के तहत शासकीय कर्मचारियों को चिह्नित निजी और सरकारी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना कि योजना के तहत साधारण बीमारी के लिए जहां उन्हें 5 लाख रुपए तक की मदद मिलेगी, वहीं गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 10 लाख रुपए तक देने की व्यवस्था है। योजना के तहत वर्तमान व रिटायर्ड कर्मचारियों को न सिर्फ भर्ती होने पर, बल्कि ओपीडी में भी कर्मचारियों को इलाज की सुविधा हासिल हो सकेगी।