भोपाल। नए साल 2020 में इस बार हिंदू संवत्सर का माघ महीना अनोखा संयोग लेकर आ रहा है। अमूमन 14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के बाद ही माघ माह की चतुर्थी तिथि पड़ती है जो भगवान गणेश की आराधना के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है, लेकिन यह इस बार मकर संक्रांति से पहले पड़ रही है। लगभग 11 सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है।
पौष मास का शुभारंभ 13 दिसंबर को हुआ था जो 10 जनवरी को खत्म हो रहा है। इसके बाद 11 जनवरी से माघ माह की शुरुआत होगी। हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद ही माघ माह की चतुर्थी तिथि पड़ती है। यह तिथि नए साल में 13 जनवरी को आ रही है। इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश की आराधना करने का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि माघ माह की चतुर्थी तिथि को विधिवत गणेश पूजा करने से ऐश्वर्य में बढ़ोतरी होती है, साथ ही सौभाग्य बढ़ता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कई बार दो-दो तिथियां एक ही दिन पड़ती है, जिसके चलते सालभर में 10 दिन घट जाते हैं। इस तरह तीन साल में लगभग 30 दिन घटते हैं। इस तरह तिथियों की घट-बढ़ में संतुलन बनाए रखने के लिए तीसरे साल कोई न कोई महीना दो बार पड़ता है। इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। इस वजह से मकर संक्रांति के पहले माघ माह की चतुर्थी तिथि का संयोग बनता है।
इस बार माघी चतुर्थी 13 जनवरी को सोमवार के दिन अश्लेषा नक्षत्र, प्रीति योग तथा कर्क राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। इस नक्षत्र के स्वामी नाग देवता हैं, जो अज्ञात भय से छुटकारा दिलाते हैं। इससे पहले ऐसा संयोग 2008 में बना था। इस दिन भगवान गणेश की आराधना और व्रत रखने से संकट का समाधान होगा।