भोपाल। शिवराज सिंह शासनकाल में आयोजित हुए उज्जैन महाकुंभ में सरकारी इंतजामों के दौरान हुए घोटाले की परतें एक बार फिर खुलने लगी है। सिंहस्थ 2016 के दौरान जो टॉयलेट ₹56000 में बनवाई गई थी दरअसल बाजार में वह काफी सस्ते हैं। सरकारी दस्तावेजों में स्वच्छता अभियान के दौरान ऐसे टॉयलेट ₹12000 में बनवाई गई।
इंदौर और उज्जैन के कुछ भाजपा नेता जांच की जद में
बताने के मध्यप्रदेश सिंहस्थ घोटाले की जांच EOW द्वारा की जा रही है। पीएसी के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एवं झाबुआ सांसद जी एस डामोर के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। सिंहस्थ घोटाले में अब तक सात पीई दर्ज हो चुकी हैं। इंदौर और उज्जैन के नेताओं की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। आरोप है कि नेताओं ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए कई टेंडर दिलवाए थे।
सबूत जुटा रही है EOW
सिंहस्थ के दौरान पानी टंकी खरीदी घोटाले में रतलाम झाबुआ सांसद जी एस डामोर पर EOW प्राथमिक जांच यानि पीई दर्ज कर चुका है। अब करोड़ों के इस घोटाले की जांच की जद में बीजेपी के और भी कई दिग्गज नेता आ गए हैं। हालांकि अभी इन नेताओं की भूमिका, उन पर लग रहे आरोप, संबंधित विभागों का दखल और अनुशंसाओं की जांच की जा रही है। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद EOW इन नेताओं पर वैधानिक कार्रवाई करेगा।
रडार पर बीजेपी के दिग्गज नेता
आरोप है कि सरकार से विशेषाधिकार मिलने के बाद तत्कालीन मंत्री ने ताबड़तोड़ तरीके से करोड़ों रुपए के काम की सिफारिश कर दी थीं। सिंहस्थ में इंदौर और उज्जैन के नेताओं की बड़ी भूमिका थी। उन सभी नेताओं की भूमिका की जांच की जा रही है। इसके अलावा 1500 करोड़ रुपए के उस घोटाले की भी जांच की जा रही है जिसका ज़िक्र कांग्रेस विधायकों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में किया है।
शौचालय बनाने में घोटाला
आरोप है कि सिंहस्थ में तय बजट 2771.65 करोड़ में से 2000.93 करोड़ रुपए खर्च हुए.लेकिन राज्य सरकार ने लोकसभा में 400.71 करोड़ रुपए खर्च होने की जानकारी दी. बाद में तत्कालीन सीएम ने एक संदेश में सिंहस्थ आयोजन पर 3377 करोड़ रुपए खर्च होने का ज़िक्र किया था. सिंहस्थ में अस्थाई शौचालय बनाए गए थे. विधानसभा में सरकार ने इन पर खर्च हुई राशि का दो कांग्रेस विधायकों को दो अलग-अलग तरह का ब्यौरा दिया. जीतू पटवारी को बताया गया कि 53 हजार 259 रुपए खर्च हुए. जबकि जयवर्द्धन सिंह को 57 हजार 686 बताए गए. स्वच्छ भारत मिशन में वही शौचालय महज 12 हजार में बन गए.ये भी आरोप है कि 36 करोड़ की निविदा 117.54 करोड़ में दी गई. जब पड़ताल की तो मौके पर 4427 शौचालय का अता-पता नहीं था. स्वच्छ भारत मिशन में वही शौचालय महज 12 हजार में बन गए।
गर्मी में खरीद ली थी वेसलीन
सिंहस्थ अप्रैल और मई की कड़ाके की गर्मी में हुआ था. लेकिन सरकार ने भरी गर्मी में भी वैसलीन खरीदी. इसी तरह बताया गया कि महाकाल के गर्भगृह में नंदी के हॉल की मरम्मत पर 2.56 करोड़ रुपए खर्च हुए. जबकि कांग्रेस विधायकों की कमेटी को छत से पानी टपकता मिला.जिस खान नदी को क्षिप्रा में मिलने से रोकने के लिए कभी 75 तो कभी 90 करोड़ खर्च करना बताया, वह क्षिप्रा में मिलती नजर आई.
जांच में होंगे कई खुलासे
सरकार की सख्ती के बाद ईओडब्ल्यू के अफसर हर मामले में चुप्पी साधे रहते हैं. लेकिन सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार सिंहस्थ घोटाले में कई बड़े खुलासे और कई बड़े राजनेताओं के नाम आ सकते हैं.
करोड़ों की लूट
सिंहस्थ घोटाले पर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है जीएस डमोर के बाद बीजेपी के कई नेताओं के नाम जल्द उजागर होंगे.बीजेपी सरकार ने सिंहस्थ के नाम पर करोड़ों की लूट की.बीजेपी इसे बदले की कार्रवाई बता रही है. पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.उसका ध्यान जनता की तरफ नहीं है.