भोपाल। मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र वितरण में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण जिन अतिथि शिक्षकों ने 2 सत्र पढ़ाया है उन्हें तीन सत्र का अनुभव प्रमाण पत्र मिल गया।
शिक्षा विभाग ने इस बार अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पर जोर दिया था। जितने भी अतिथि शिक्षकों ने ऑनलाइन भुगतान प्राप्त किया उनका अनुभव प्रमाण पत्र तो तत्काल जनरेट हो गया लेकिन उनका शिक्षण सत्र गलत दर्ज हुआ है। जिन अतिथि शिक्षकों ने केवल 2 सत्र अध्यापन कार्य किया उनका अनुभव प्रमाण पत्र तीन सत्र का बन गया। यह सब कुछ उसी सॉफ्टवेयर के द्वारा हुआ जिसकी विश्वसनीयता पर शिक्षा विभाग के अधिकारी कभी कोई संदेह नहीं करते।
गड़बड़ी क्यों हुई, यहां समझिए
मध्यप्रदेश में पहले स्कूलों का शिक्षा सत्र 15 जून से शुरू होता था लेकिन 2016 में मध्य प्रदेश की सरकार ने एक नया फैसला लिया और शिक्षा सत्र 2017-18 की शुरुआत 1 अप्रैल से हुई। सरकार का फैसला लागू तो हो गया परंतु शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर में इसका समायोजन नहीं किया गया। नतीजा शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर के अनुसार 2017 से पहले वाले शिक्षा सत्र भी अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। यही कारण है कि अनुभव प्रमाण पत्र में शिक्षा सत्र का उल्लेख गलत आ रहा है।