भोपाल। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में 20-50 फार्मूला लागू हो गया है। इस फार्मूले के तहत ऐसे कर्मचारी जिनकी आयु 50 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष पूर्ण हो गया हो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (VRS) दी जाएगी। माना जा रहा है कि सरकारी खजाने पर कर्मचारियों के वेतन के बोझ को कम करने के लिए कमलनाथ सरकार इस ट्रिक का यूज कर रही है।
मध्य प्रदेश के सभी जिलों से कर्मचारियों की जानकारी मंगवाई
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा है कि नर्सिंग स्टाफ से लेकर अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की जानकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आधार पर तैयार करके भेजा जाए। जिससे ऐसे कर्मचारियों को सेवा से मुक्त किया जाए जिन्होंने 20 साल की नौकरी पूरी कर ली है या जिनकी आयु 50 वर्ष हो चुकी है। आदेश की गंभीरता के कारण कर्मचारियों के बीच चर्चा है कि 2020 उनकी नौकरी के लिए शायद खराब साबित हो।
1 साल पहले भी जारी हुआ था इसी तरह का आदेश
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि कमलनाथ सरकार के गठन के एक महीने बाद भी शासन ने ऐसा ही एक आदेश और जारी किया था। जिसमें कर्मचारियों के काम का आंकलन कर रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही गई थी लेकिन उस रिपोर्ट पर से कार्रवाई अब तक कुछ नहीं हुई। नए आदेश को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं से हाथ खींचना चाहती है। इसलिए 20:50 का फाेर्मूला लाकर नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना चाहती है। उस स्थिति में सरकारी अस्पतालों को संविदा नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ से चलवाया जाएगा।