ग्वालियर। 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2020 मकर संक्रांति तक रहेगा खरमास। हिंदू धर्म के अनुसार मलमास खरमास या अधिक मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। मलमास खरमास के महीने में सूर्य बृहस्पति की राशि में करता है प्रवेश।
हिंदू धर्म में खरमास के महीने में किसी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते पंचांग के हिसाब से सूर्य बृहस्पति की राशि में प्रवेश करता है तब खरमास या मलमास प्रारंभ हो जाता है इस महीने को शुभ नहीं माना जाता इसलिए इस महीने में किसी तरह के शुरू नए व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। कौन- कौन से कार्य रहते हैं वर्जित जो इस प्रकार हैं जैसे नामकरण, यत्रोपवित, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, वधू प्रवेश, गृह निर्माण, नया व्यापार प्रारंभ आदि नहीं किए जाते हैं। 12 दिसंबर 2019 तक ही है शुभ मुहूर्त उसके बाद 15 जनवरी 2020 के बाद शुभ विवाह प्रारंभ होंगे। देव गुरु बृहस्पति 15 दिसंबर की दोपहर 2:02 पर पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे उसके बाद 11 जनवरी 2020 को फिर उदय होंगे वही धनु संक्रांति अर्की तारीख 16 की रात 12:29 पर होगी देव गुरु बृहस्पति सूर्य भगवान से 11 डिग्री या उससे कम की दूरी पर होते हैं तो उन्हें अस्त कहा जाता है।
सभी ग्रह राहु केतु को छोडक़र समय- समय पर अस्त वा उदय होते रहते हैं देव गुरु बृहस्पति का पूजन मांगलिक कार्यों में बहुत जरूरी है उनके अस्त होने के समय सभी मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं इस बार देव गुरु बृहस्पति राशि धनु में सूर्य भगवान के प्रवेश के साथ खरमास प्रारंभ हो जाएगा।