नई दिल्ली। प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी) | Pradhanmantri Aawas Yojana (urban) के अंतर्गत केन्द्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति (Central Approval and Monitoring Committee) की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में हुई। बैठक में भाग लेने वाले राज्यों ने 3,31,075 आवासों के निर्माण के 606 प्रस्तावों को मंजूरी दी जिन पर कुल 15,125 करोड़ रूपये निवेश किया जाएगा जिसमें 5,092 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है। इसमें 6 राज्यों में 6368 आवासों के निर्माण के लिए छह हल्की आवास परियोजनाएं शामिल हैं जिसमें गुजरात में 1,144, झारखंड में 1,008, मध्य प्रदेश में 1,024, तमिलनाडु में 1,152, त्रिपुरा में 1,000 और उत्तर प्रदेश में 1040 आवास बनाए जाएंगे।
किस राज्य को कितने प्रधानमंत्री आवास मंजूर हुए
सीएसएमसी द्वारा मंजूर किए गए आवासों की संख्या आंध्र प्रदेश (2,58,648), कर्नाटक (30,777), मध्य प्रदेश (15,245), गुजरात (13,805), महाराष्ट्र (4,691)और उत्तराखंड (1,541) है। पीएमएवाई (यू) मिशन के अंतर्गत आंध्र प्रदेश राज्य ने सबसे अधिक संख्या में नये आवासों का प्रस्ताव रखा और वह सबसे अधिक 16,34,748 आवासों की संचयी मंजूरी देने वाला अग्रणी राज्य बन गया है। इसके बाद 14,53,989 आवासों के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान है।
प्रस्ताव योजना के हितभागी संचालन निर्माण अथवा वृद्धि (बीएलसी) और किफायती आवास परियोजना (एएचपी) वर्टिकल्स के अंतर्गत प्राप्त हुए हैं। हल्की आवास परियोजनाओं (एलएचपी) के अंतर्गत प्रस्तावित आवासों का निर्माण नई और उन्न्तिशील प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए किया जाएगा और ये अनुसंधान, परीक्षण, प्रोद्योगिकी हस्तांतरण, जन जागरूकता बढ़ाने और इन्हें देश की मुख्यधारा में लाने के लिए जीवंत प्रयोगशाला का काम करेंगे।
अब तक, पीएमएवाई (यू) के अंतर्गत पीएमएवाई (यू) मिशन 96.50 लाख से अधिक आवासों को मंजूरी दे चुका है जबकि आवासों की प्रामाणिक मांग 1.12 करोड़ है। कुल 56 लाख आवासों के निर्माण की बुनियाद रखी गई जिसमें से 28.4 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है।