जबलपुर। फर्जी अंकसूची के आधार पर शासन की आंखों में धूल झोंककर नौकरी करने वाले 4 रेडियोग्राफर्स की सच्चाई अंतत: जब सामने आयी तो हड़कम्प मच गया। स्वास्थ्य विभाग ने चारों रेडियोग्राफर्स को सेवा से बर्खास्त कर दिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में बीते 8 सालों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चार वीडियोग्राफर नौकरी कर रहे थे और विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं।
हाल ही में जब स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक के पास यह शिकायत पहुंची तो पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। यह कर्मचारी 2011 से जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में बतौर सरकारी कर्मचारियों के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की अब तक की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि नौकरी पाने के लिए चारों रेडियोग्राफर ने फर्जी अंकसूची बनवाई थी, जो कि बिल्कुल ओरिजिनल जैसे जैसी प्रतीत हो रही थी। फर्जी अंकसूची के जरिए नौकरी करने वाले रेडियोग्राफर विवेक बेदी पनागर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे जबकि ममता मिश्रा और रामेश्वर सिहोरा में तो आनंद पटेल बरेला स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी मार्कशीट की जांच में अब स्वस्थ विभाग माध्यमिक शिक्षा मंडल का भी सहारा ले रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने शिकायतों का जब सत्यापन किया तो पाया कि चारों रेडियोग्राफरो फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके नौकरी कर रहे थे। फिलहाल स्वास्थ्य अधिकारी ने चारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है साथ ही चारों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।