भोपाल। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत अतिथिविद्वानों का सरकार से अपने वचनपत्र की कंडिका 17.22 को पूर्ण करने और नियमितीकरण का वचन निभाने की मांग को लेकर शाहजहांनी पार्क भोपाल में चल रहे धरना आंदोलन और आमरण अनशन का आज 8वां दिन है किन्तु प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अब तक अतिथिविद्वानों की मांगों को पूरा करने के संबंध में कोई रूचि नही दिखाई है।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है की अतिथिविद्वानों की लगातार नियमितीकरण की मांग एवं कड़ाके की ठंड में शाहजहानी पार्क के खुले आसमान तले सपरिवार बच्चों सहित आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानकन की व्यथा सुनने वाला प्रदेश में कोई नही है। अतिथिविद्वान अपने नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे है, जबकि सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी फालेन आउट हुए हमारे साथियों को अतिथिविद्वान ही बनाये रखना चाहती है।
विधायक रामबाई समेत कई विधायकों का मिला समर्थन
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ मंसूर अली ने कहा है कि नियमितीकरण हेतु आयोजित भविष्य सुरक्षा यात्रा के धरना स्थल पर पथरिया की बसपा विधायक रामबाई समेत विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई विधायकों का समर्थन नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथिविद्वानों को मिला है। धरना स्थल पर पहुचें लगभग एक दर्जन विधायकों ने एक स्वर में कमलनाथ सरकार से अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण के वचन को विधानसभा सत्र के दौरान ही पूरा करने की मांग की। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि मांगे नही मानी गयेस तो विधानसभा से लेकर सड़को तक सरकार का विरोध किया जाएगा।
ऑनलाइन चॉइस फिलिंग आदेश की जलाई होली
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि नौकरी से निकाले गए फालेन आउट अतिथि विद्वानों के लिए जारी किया गए ऑनलाइन चॉइस फिलिंग के संबंध में नए दिशानिर्देश दिए गए हैं। ये आदेश अतिथिविद्वानो के लिए सरकार की ओर से मौत का फरमान हैं। जबकि सरकार इस आदेश को नौकरी से बाहर निकाले गए अतिथि विद्वानों के लिए व्यवस्थापन और पुनर्वास का नाम दे रही है। यह सरासर आम जनता एवं अतिथि विद्वानों को गुमराह करने वाला आदेश है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण मोर्चा उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश का विरोध करता है। डॉ मंसूर अली ने आगे कहा है कि हम सरकार से नियमितीकरण का वचन पूरा करने का अनुरोध कर रहा है जबकि सरकार ऑनलाइन चॉइस फिलिंग को अतिथिविद्वानो के पुनर्वास का नाम दे रही है। बाहर किये गए अतिथिविद्वानों की संख्या 1700 से अधिक है जबकि ओनलाइन चॉइस फिलिंग में रिक्तियों की संख्या इससे काफी कम है। अतः स्पष्ठ है कि लगभग 1000 अतिथिविद्वानों का सेवा से बाहर होना तय है। इसी समस्या को दूर करने के लिए अतिथिविद्वान पिछले 15 दिनों से आंदोलनरत है।
आमरण अनशन लगातार 8वें दिन जारी
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क में अतिथिविद्वानों के पिछले कई दिनों से अनवरत जारी आमरण अनशन और धरने के आज 8वां दिन है। किन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है एवं सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि अब तक कोई भी सरकार का नुमाइंदा हमारी समस्या में निराकरण के लिए नही पहुंच सका है।
कड़ाके की ठंड में शाहजाहानी पार्क में डटे हैं अतिथि विद्वान
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान ने कहा है की सत्कार की वादाखिलाफी और अनिश्चित भविष्य की पीड़ा इतनी तीव्र है कि कड़ाके की ठंड में भी पूरे प्रदेश के अतिथिविद्वान जिसमे महिलाएं एवं उनके छोटे छोटे बच्चे भी शामिल है, लगातार आंदोलनरत हैं। कई महिलाओं और बच्चों की ठंड के कारण तबियत बिगड़ी है, किन्तु अतिथि विद्वान शाहजहानी पार्क से हटने को तैयार नही है।