भोपाल। मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनीट्रैप मामले से जुड़े नित नए खुलासे करने वाले पत्रकार, कारोबारी एवं माफिया जीतू सोनी के कारण एडीजी वरुण कपूर को इंदौर से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि ADG varun Kapoor जीतू सोनी के खिलाफ उस तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं थे जैसी कि मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं मध्य प्रदेश के कुछ सीनियर आईएएस अफसर चाहते थे।
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र गुड बुक में
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर जोन के एडीजी वरुण कपूर को हटा दिया है। उनकी जगह एडीजी मिलिंद कानस्कर (ADG Milind Kanskar) को इंदौर जोन की जिम्मेदारी सौंपी है। वरुण कपूर पर माफिया जीतू सोनी को संरक्षण देने और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और मध्य प्रदेश के कुछ सीनियर आईएएस अफसर वरुण कपूर के माफिया जीतू सोनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज थे। बताया गया कि जब वरुण कपूर ने जीतू सोनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तब डीआईजी रुचि वर्धन मिश्र को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। हरी झंडी मिलते ही रुचि वर्धन मिश्र ने 4 घंटे के अंदर जीतू सोनी पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करके मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की ग्रुप में अपना नाम दर्ज करा दिया।
जीतू सोनी के प्रति नरम रुख रखने वाले अधिकारियों की लिस्ट बनाई जा रही है
प्रदेश में मिलावटखोरों के बाद सरकार माफियाओं पर शिकंजा कस रही है। इसके तहत उन अफसरों की सूची तैयार की जा रही है, जिन पर माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप हैं। वरुण कपूर को जनवरी में एडीजी बनाया गया था। उनसे पहले पलासिया थाने के टीआई पर कार्रवाई की गई थी। टीआई शशिकांत चौरसिया ही जीतू सोनी मामले की जांच कर रहे थे। ऐसे अफसरों की सरकार पूरी फेहरिस्त बना रही है। वरुण कपूर के बाद अब दूसरे अफसरों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है।