भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एडीजी शैलेश सिंह के खिलाफ उनके अधीनस्थ करीब 40 फायर आरक्षकों की पत्नियों ने प्रदर्शन किया। महिलाओं ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में न्याय दिलाने हेतु मदद की मांग की। महिलाओं का आरोप है कि एडीजी शैलेश सिंह बिना वजह उनके पतियों को 18 से 24 घंटे तक ड्यूटी कराते हैं।
एडीजी शैलेश सिंह की कथित प्रताड़ना से एक आरक्षक की मानसिक स्थिति गड़बड़ाई
आवेदन में एक आरक्षक की पत्नी आरती दुबे ने लिखा है कि मेरे पति आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उनकी ड्यूटी एडीजी शैलेष सिंह द्वारा अपने बंगले में लगाई गई थी। मेरे पति से जबरदस्ती बंगले में झाड़ू-पोंछा और बर्तन धोने के काम करवाए गए। एडीजी बात-बात पर गाली-गलौज करते थे। मेरे पति पिछले 5 दिनों से न सो रहे थे और न खाना खा रहे थे। गुरुवार को सुबह 7 बजे ड्यूटी के लिए निकले और देर रात तक नहीं लौटे। देर रात पुलिस उन्हें भदभदा पुल से पकड़कर ले आई। उनकी मानसिक स्थिति ठीक न होने की हालत में जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद शुक्रवार को उन्हें हमीदिया अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। आरती दुबे ने लिखा है कि उसके पति मानसिक रूप से बहुत बीमार हैं। अगर उन्हें कुछ होता है तो हम किसके सहारे रहेंगे।
मेरे बंगले पर किसी आरक्षित की ड्यूटी नहीं है, महिलाएं झूठ बोल रही है: एडीजी शैलेश सिंह
कुछ ऐसी ही शिकायत मुख्यालय में पदस्थ आरक्षकों की पत्नियों ने की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं की समस्याओं को सुना और जल्द से जल्द उनकी परेशानी को दूर करने का आश्वासन दिया। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए शैलेष सिंह, एडीजी, अग्निशमन ने कहा कि आरक्षकों से सिर्फ 5 से 6 घंटे की ड्यूटी करवाई जाती है। मेरे बंगले पर कोई भी आरक्षक ड्यूटी के बाद पदस्थ नहीं होता है। सभी आरोप निराधार हैं।