भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में भी किडनी ट्रांसप्लांट करने की तैयारी शुरू हो गई है। एम्स के निदेशक डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि जल्द ही किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए कोशिश शुरू की जाएगी। सबसे पहले किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होगा। इसके लिए अस्पताल में माड्युलर ओटी के अलावा किडनी रोग विशेषज्ञ व ट्रांसप्लांट सर्जन भी हैं। उन्होंने यह बात संस्थान में शनिवार को भारतीय अंगदान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कही।
भोपाल में हमीदिया सहित तीन मेडिकल कॉलेजों में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू की जाएगी
कार्यक्रम में मौजूद चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि हमीदिया में किडनी ट्रांसप्लांट जल्द शुरू होने जा रहा है। दो और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को राज्य व जिला स्तरों पर सलाहकार समिति का भी गठन कर दिया गया है। इससे ब्रेन डेड मरीजों से अंगदान ज्यादा हो सकेगा। कार्यक्रम में अंगदान के लिए काम करने वाली संस्था किरण फाउंडेशन के सचिव डॉ. राकेश भार्गव को भी सम्मानित किया गया।
मप्र को सबसे अच्छा सोटो का अवार्ड
प्रमुख सचिव ने बताया कि अंगदान दिवस के मौके पर दिल्ली में नेशनल आर्गन एवं टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (नोटो) बेस्ट सोटो का अवार्ड मध्यप्रदेश को दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षबर्धन ने यह पुरस्कार दिया। इस मौके पर सोटो के प्रभारी डॉ. मनीष पुरोहित मौजूद थे।
AIIMS BHOPAL में लेमिलर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू
एम्स में नेत्र विभाग की प्रमुख डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि एम्स में लेमिलर ट्रांसप्लांट की सुविधा इसी महीने शुरू की गई है। इसमें दान में मिली कॉर्निया की कुल पांच परतों में भीतरी और बाहरी परत को अलग-अलग जरूरतमंदों को लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि देश के कुछ चुनिंदा निजी आई बैंकों से 15 दिन के भीतर 13 ऑखें (कॉर्निया) दान में मिली हैं। इन आंखों को 14 लोगों को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है।