भोपाल। कांग्रेस सरकार से नियमितीकरण का वचन पूरा करने की मांग में अड़े महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए भविष्य सुरक्षा यात्रा निकाल रहे हैं। उक्त यात्रा कल शाहजहांनी पार्क भोपाल पहुची जहां पर 5000 अतिथि विद्वानों ने एक सुर में कमलनाथ सरकार से नियामियिकरण का वचन पूरा करने की गुहार लगाई। इस भविष्य सुरक्षा यात्रा में बड़ी संख्या में महिला अतिथि विद्वान परिवार और उनके बच्चे शामिल हैं।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार अपने वचनपत्र के प्रति गंभीर नही दिखाई पड़ रही है। सरकार गठन के एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी सरकार नियमितीकरण के नाम पर एक कदम आगे नही बढ़ी है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जिन वादों पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार बनाई है उन वादों के प्रति ही वे ईमानदार नही दिख रही हैं।
अतिथि विद्वानों ने शुरू की क्रमिक भूख हड़ताल
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि सरकार ने नियमितीकरण के नाम पर अतिथि विद्वानों को लगातार धोखे में रखा है। इसमे विरोध में शाहजहानी पार्क में लगभग 25 अतिथि विद्वानों सरकार की नीतियों के खिलाफ क्रमिक भूख हड़ताल प्रारम्भ की है। यदि सरकार ने हमारी मांगे नही मानी तो इसके पश्चात आमरण अनशन प्रारम्भ किया जाएगा। डॉ मंसूर अली ने आगे कहा कि नियमितीकरण नही किये जाने और हमारे स्थानों पर सहायक प्राध्यापक परीक्षा के तथाकथित चयनितों को नियुक्तिपत्र जारी किये जाने के विरोध में कई महिला अतिथि विद्वान साथी अपना मुंडन तक करवाने को तैयार हैं। अतिशीघ्र शाहजहानी पार्क में महिला अतिथि विद्वान अपना मुंडन करवाएंगी।
कड़ाके की ठंड में महिलाओं, बच्चों ने बिताई रात
शाहजहानी पार्क में दिसंबर माह की कड़ाके की ठंड में महिला अतिथि विद्वान अपने बच्चों सहित मोर्चे पर डटी हुई है। उल्लेखनीय है कि कड़ाके की ठंड में रात में गिरती ओस की बूंदों के नीचे महिला अतिथि विद्वान अपने बच्चों के साथ रात गुज़ार रही है। जाती हुई नौकरी का दुख, तनाव और बेचैनी इस हद तक हावी है कि महिलाएं कड़ाके की ठंड में भी वापस घरों को जाने को तैयार नही है।
कैबिनेट का निर्णय शोषणकारी एवं छलावा है
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि कैबिनेट का अतिथि विद्वानों के संबंध में लिया गया निर्णय हमारे हितों के सर्वथा प्रतिकूल है। हमारी मांग केवल अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण है। इससे कम हमें कुछ भी स्वीकार नही है। जो भाषा बीजेपी सरकार की थी। कांग्रेस सरकार भी आज वही भाषा बोल रही है। सरकार यदि अपने वादे की पक्की है तो पहले हमारे नियमितीकरण की नीति बनाई जाए।
विद्यार्थियों ने की अपने शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग
मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान व डॉ आशीष पांडेय के अनुसार नियमितीकरण की राह पर हमें आज अपने विद्यार्थियों का भी साथ मिला है। कई महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने आज शाहजहानी पार्क आकर अतिथि विद्वानों की मुहिम का समर्थन करते हुए सरकार से अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण की मांग की। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार यदि हमारे शिक्षकों की मांगें नही मानती तो आगे हम भी सड़कों पर उतरकर सरकार से नियमितीकरण की मांग करेंगे।
उग्र हो सकता है अतिथि विद्वानों का आंदोलन
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि अतिथि विद्वानों अपने भविष्य को खामोशी से बर्बाद होते नही देख सकते। हम शांत नही बैठेंगे। नौकरी जाने से अतिथि विद्वान बेहद तनावग्रस्त एवं आक्रोशित हैं। खराब माली हालात और अनिश्चित भविष्य ने अतिथिविद्वानों को इस हद तक आक्रोशित कर दिया है कि अब वे आर पार की लड़ाई के मूड में हैं।