भोपाल। करीब 900 अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त करने के बाद मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों की भर्ती प्रक्रिया का ऐलान किया है। कमलनाथ सरकार की उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने जानकारी दी है कि अतिथि विद्वानों की नियुक्ति प्रक्रिया 11 दिसंबर से शुरू की जा रही है। बता दें कि 10 दिसंबर से अतिथि विद्वानों का आंदोलन भोपाल में शुरू हो रहा है। पिछली बार इनके विरोध प्रदर्शन के दौरान जीतू पटवारी खुद धरने पर बैठे थे।
अतिथि विद्वानों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा: जीतू पटवारी
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देशानुसार अतिथि विद्वानों को अन्य रिक्त पदों पर पुन: कार्य का अवसर प्रदान करने के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया 11 दिसम्बर से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी और ग्रंथपाल के पदों पर नियुक्त करने की कार्यवाही जारी है। इस प्रक्रिया के कारण इन पदों पर पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वान विस्थापित (फॉल आउट) हो रहे हैं। श्री पटवारी ने बताया कि इस प्रक्रिया में विस्थापित अतिथि विद्वान अपनी च्वाइस 16 दिसम्बर से दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद नियमानुसार महाविद्यालय के आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।
कॉन्ग्रेस, कमलनाथ और जीतू पटवारी ने जहां है वहीं नियमित करने का वचन दिया था
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 से पहले कांग्रेस, कमलनाथ और जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों के विरोध प्रदर्शन को ना केवल समर्थन दिया था बल्कि तो वचन दिया था कि यदि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो 3 महीने के अंदर सभी अतिथि विद्वानों को जो जहां पर कार्यरत है वहीं पर नियमित कर दिया जाएगा। कांग्रेस के इस वचन का अर्थ यह है कि सभी अतिथि विद्वानों को असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।