भोपाल का नया मास्टर प्लान: अपने प्लॉट पर मकान बनाना है या मॉल, आपकी मर्जी | BHOPAL NEW MASTER PLAN

Bhopal Samachar
भोपाल। भोपाल के नए मास्टर प्लान में लैंडयूज फ्रीज करने के बजाय प्लॉट साइज के हिसाब से मिक्स लैंडयूज की अनुमति दी जाएगी। यानी आप अपनी जमीन पर चाहें तो मकान बनाएं या अस्पताल या कुछ और, यह प्लॉट साइज के हिसाब से खुद तय कर सकेंगे। आइए पढ़ते हैं भोपाल के नए मास्टर प्लान पर रोशनी डालती पत्रकार श्री मनोज जोशी की यह रिपोर्ट:

FAR (फ्लोर एरिया रेशो) 1.25 से बढ़कर 2.00 हो जाएगा

इसके लिए आपको पार्किंग और अन्य मूलभूत सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम करना होंगे। मास्टर प्लान में एक बड़ा बदलाव एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) में आने वाला है। अभी शहर में बेसिक एफएआर 1.25 है। कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से अतिरिक्त राशि देकर 0.75 तक एफएआर और खरीद सकेंगे। यानी कुल एफएआर 2 हो जाएगा। प्रीमियम एफएआर का यह कंसेप्ट अभी बेंगलुरू में लागू किया गया है।   
 इस साल की शुरुआत से भोपाल मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट तैयार करने की कवायद शुरू हुई थी। यह कवायद अब अंतिम चरण में हैं। मास्टर प्लान में शहर के डेवलपमेंट के लिए कई नए प्रावधान किए जा रहे हैं। भोपाल 2005 से मास्टर प्लान का इंतजार कर रहा है, इसलिए अब एेसा प्लान बनाया जा रहा है जो शहर की समस्याओं के निराकरण का माध्यम बने। 

कौन सा यूज प्रतिबंधित है यह भी बताएंगे 

मास्टर प्लान में यह भी बताया जाएगा कि किस एरिया में क्या प्रतिबंधित है। उदाहरण के लिए रहवासी क्षेत्रों में प्रदूषणकारी उद्योगों की अनुमति नहीं होगी। 18 मीटर चौड़ी सड़क पर भी कमर्शियल उपयोग की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन यहां बड़े कमर्शियल काॅम्पलेक्स की बजाय छोटी दुकानों की अनुमति होगी।

भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट अंतिम चरण में

मास्टर प्लान का ड्राफ्ट लगभग तैयार है। ड्राफ्ट की राइटिंग का काम अंतिम चरण में है, जबकि जीआईएस बेस्ड नक्शे तैयार हैं। हर मैप में 64 लेयर हैं। अॉनलाइन उपलब्ध रहने वाले इस प्लान में अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पानी और सीवेज की लाइन भी लिंक रहेंगी। बताया जाता है कि इस बार प्लान के तीन वाल्यूम होंगे। 

भोपाल के मास्टर प्लान की खास बातें

2031 में 35 लाख आबादी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनेगा प्लान।
1016.90 वर्ग किमी प्लानिंग एरिया। 248 गांव शामिल। लोगों को शहर के बाहरी क्षेत्रों में बसाने के लिए प्रेरित करेंगे।
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट ताकि रोजमर्रा की सामान्य जरूरतों के लिए लंबी दूरी तय न करना पड़े।
प्लान को लागू करने में मदद करेगा प्रीमियम एफएआर
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों के अनुसार नए मास्टर प्लान में प्रीमियम एफएआर का प्रावधान किया जा रहा है। इससे मिलने वाली राशि से प्लान में प्रस्तावित सड़क, खेल मैदान, पार्क, बाजार, इंडस्ट्रियल एरिया के साथ अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पिछले प्लान में पहले चरण के लिए ही 500 करोड़ रुपए की जरूरत का आकलन किया गया था और इस राशि के नहीं मिलने से कई काम केवल नक्शे पर ही रह गए।

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