भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा में हाई लेवल पोलूशन की स्थिति बनी हुई है। नवमी और ठंड की स्थिति में जबकि हवा में प्रदूषित करो कि संख्या सामान्य से नीचे चली जाती है, इस साल लगातार खतरनाक स्थिति में है। यह हालात इस बात का अलार्म है कि सर्दी का मौसम खत्म होते ही भोपाल की हवाएं जहरीली और जानलेवा हो जाएंगी।
मध्यप्रदेश का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल में प्रदूषण की स्थिति जानने के लिए प्राइवेट कंपनी को हायर कर रहा है। यह कंपनी 18 महीने अध्ययन करने के बाद बताइए कि प्रदूषण का कारण क्या है। इसके बाद सरकारी कछुआ कारण के निवारण पर विचार करेगा। तब तक भोपाल का क्या हाल हो जाएगा या कोई भी कल्पना कर सकता है। वर्तमान में हालात यह है कि रविवार को धूल के छोटे कण (पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5) का अधिकतम स्तर 245 तक पहुंच गया था, जो कि 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। यानी यह सामान्य से करीब 4 गुना अधिक हो गया है।
इन इलाकों की हवाएं सबसे ज्यादा प्रदूषित
धूल के मोटे आकार के कणों (पीएम-10) का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की जगह अधिकतम 171 तक पहुंच रहा है। यह स्थिति कोलार, एमपी नगर, भेल, होशंगाबाद, हमीदिया रोड, गोविंदपुरा क्षेत्र की है। इसके कारण शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 पर पहुंच गया है। सूचकांक 50 तक होता है, तब उसे आदर्श स्थिति में माना जाता है और हवा शुद्ध रहती है।
नमी और ठंड में प्रदूषण सामान्य से कम होना चाहिए
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान लगातार गिर रहा है। वातावरण में नमी का स्तर अधिक है। दोनों स्थिति में पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर तय मापदंड से नीचे होना चाहिए। ज्यादातर ऐसा ही होता है, लेकिन शहर में विपरित हो रहा है। धूल का स्तर कम तो हुआ है, लेकिन तय मापदंड से अधिक है।
गर्मियों में जहरीली हो जाएगी भोपाल की हवा
इसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 पर है। जैसे ही वातावरण शुष्क होगा और तापमान बढ़ेगा, धूल का स्तर भी बढ़ जाएगा। पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडे का कहना है कि जब तक ठंड है और वातावरण में नमी है प्रदूषण से निपटने के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। तब ही राजधानीवासियों को प्रदूषण से राहत मिलेगी, नहीं तो और दिक्कतें बढ़ेंगी।