उज्जैन। बैंक ऑफ इंडिया की दशहरा मैदान शाखा के लाॅकर से 2 माह पहले 19 लाख के सोने के गहने चोरी हुए थे। इस चोरी का सुराग ना तो पुलस लगा पाई और ना ही बैंक प्रबंधन। 2 माह बाद चोर का मन बदल गया। उसने चुराए गए गहने लॉकर में वापस रखे तो पकड़ा गया। चोरी का आरोपी बैंक में कार्यरत एक दैनिक वेतन भोगी निकला।
आगर रोड घट्टिया निवासी रेणु पंड्या के दो माह पहले बैंक ऑफ इंडिया की दशहरा मैदान शाखा के लाॅकर से चोरी हुए गहने सोमवार को वापस बैंक में मिलने की घटना के कुछ घंटे बाद पुलिस ने बैंक में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी तुलसीराम निवासी बापूनगर को हिरासत में ले लिया। रात में एएसपी रूपेश द्विवेदी व साइबर सेल प्रभारी राजाराम वास्कले माधवनगर थाने पहुंचे थे और आरोपी बैंककर्मी से पूछताछ की। उसने कहा लालच में आकर घटना की। मंगलवार को माधवनगर टीआई राकेश मोदी व जांच अधिकारी एसआई मोबिन अंसारी ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए। आरोपी से 74 ग्राम सोने के आभूषण और जब्त किए जाना है, जिसे लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी का जीजा भी बापूनगर का ही निवासी है, उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। एसआई मोबिन अंसारी ने बताया जांच की जा रही है।
लाॅकर इंचार्ज टेबल पर चाबियां छोड़कर चला गया इसलिए चोरी हुई
आरोपी तुलसीराम काफी समय से बैंक में काम कर रहा है, इस कारण सभी का भरोसा जीते हुए था। लाॅकर इंचार्ज गोकुलचंद शर्मा दो महीने पहले लाॅकर की चाबी टेबल पर रखकर काम में व्यस्त हो गए थे। आरोपी ने इसी का फायदा उठाते हुए चाबी चुराने के बाद मौका पाकर लाकर से गहने चुरा लिए। बाद में उन्हें झोले में रखकर ले गया था। गहने बापूनगर स्थित घर पर ही छिपाकर रखे हुए थे।
सोना कम, आरोपी बोला- मुझे नहीं मालूम
घटि्टया की रेणु पंड्या ने बैंक में 471 ग्राम सोने के आभूषण गिरवी रख 9 लाख रुपए का लोन लिया था। अक्टूबर में लोन अदा करने पर गहने वापस मांगे तब चोरी का पता चला। सोमवार को जो ज्वेलरी का बाॅक्स मिला, उसमे सोने की पांच अंगूठी, 10 टॉप्स, 3 चेन व एक पैंडल नहीं था। 74 ग्राम सोने को लेकर आरोपी से पूछताछ की जा रही है लेकिन उसने बताया कि उसे शेष गहनों के बारे में जानकारी नहीं है।