भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की विधायक भाई लक्ष्मण सिंह ने इस बार ऐसा बयान दिया है जिसे पार्टी विरोधी कहा जा सकता है। उनका कहना है कि जब नागरिकता संशोधन कानून संसद में बहुमत से पास हो गया तो उसे मानना ही चाहिए। उसके खिलाफ इतना बवंडर मचाने की जरूरत नहीं थी। बता दें कि सोनिया गांधी से लेकर दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पूरी कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है।
नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह का बयान
मध्य प्रदेश की चाचौड़ा विधानसभा से विधायक एवं कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने इस संदर्भ में पहले ट्वीट किया था। अब कैमरे के सामने आकर बयान दिया है कि " संसद में जो कानून बनता है वह पूरे देश के लिए बनता है। हम उससे सहमत हो सकते हैं, हम उससे असहमत हो सकते हैं। सदन में हमने उसको उठाया, लेकिन जब बहुमत से वह पारित हो गया है और कानून बन गया है तो हमें कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। उसमें कुछ विसंगतियां हैं तो हम संशोधन के लिए प्रस्ताव दे सकते हैं। इसमें कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी। जो हिंदू यहां रह रहे हैं, शरणार्थी की तरह उनको उन्होंने नागरिकता देने का एक प्रावधान किया है डेट्स ऑल। कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। मैं समझता हूं कि इसमें इतना विरोध जताने की, इतना बवंडर मचाने की जरूरत नहीं थी। जब सभी जगह लागू होगा तो यह कानून मध्यप्रदेश में भी लागू होगा। हाउस का विरोध कर सकते हैं लेकिन कानून को तो मानना होगा।
नागरिकता कानून पर कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्या है
बता देंगे नागरिकता कानून 2019 के लोकसभा में पास हो जाने के बावजूद कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि सदन में बहुमत होने के कारण भारतीय जनता पार्टी ने इस विधेयक को कानून तो बना लिया लेकिन यह गलत है। ऐसा कानून स्वीकार नहीं किया जा सकता। सोनिया गांधी सहित कई नेता आज इस संदर्भ में भारत के राष्ट्रपति से मिली। सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं दाखिल की गई है जिसमें मांग की गई है कि नागरिकता कानून 2019 को निरस्त किया जाए।
क्या पहली बार किसी कानून का विरोध हो रहा है
ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी कानून का विरोध हो रहा है। इससे पहले भी कई कानूनों का विरोध होता आया है। भारत संघ, कई राज्यों से मिलकर बना है। राज्य स्वतंत्र हैं कि वह लोकसभा द्वारा बनाए गए कानून को अपने राज्य में कब और किस तरह से लागू करें। याद दिला दें कि हाल ही में बनाया गया मोटर व्हीकल एक्ट भारतीय जनता पार्टी के राज्य गुजरात ने लागू नहीं किया है। मध्यप्रदेश में भी मोटर व्हीकल एक्ट की समीक्षा की जा रही है और इसे संशोधन के बाद लागू किया जाएगा। वेट टैक्स के मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ था।
क्या लक्ष्मण सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संगठन के व्यक्ति हैं। उन्होंने हमेशा कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया है एवं कांग्रेस पार्टी की लाइन को कभी क्रॉस नहीं किया। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के ही एक मंत्री उमंग सिंगार में पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी की थी। दिग्विजय सिंह ने खुद रुचि लेकर उनका मामला अनुशासन समिति के पास भिजवाया। अब देखना यह है कि कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह के इस बयान के बाद क्या प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, मुख्यमंत्री कमलनाथ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के स्वयंभू संगठन मंत्री दिग्विजय सिंह क्या कदम उठाते हैं।