इंदौर। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (kamal Nath government) के सर्वमान्य सरसंघचालक एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (digvijay Singh) ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (citizenship Amendment Act) एवं भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (national register of citizens) लागू नहीं किया जाएगा।
पत्रकारों से बात करते हुए श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे गांधी के मार्ग पर चलने वाले लोगों में से हैं। देशभर में हो रही हिंसा के पक्षधर नहीं हैं। हिंसा अपनी बात रखने का सही तरीका नहीं है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार एक, पांच नहीं, पूरे 10 साल रहेगी।सिंह यहां थैलेसीमिया चेरिटेबल हॉस्पिटल और कांग्रेस नेता कमलेश खंडेलवाल के कार्यक्रम में शिरकत करने इंदौर पहुंचे थे।
नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिल में भारतीय संविधान की धारा- 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन किया गया है। हम केवल नागरिकता संशोधन बिल का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि एनआरसी का भी विरोध कर रहे हैं। क्योंकि एनआरसी अव्यवहारिक है। असम जैसे राज्य में 11 साल ने 1600 करोड़ खर्च हुए हैं। ऐसे में कैसे एनआरसी को स्वीकार किया जाए। सिंह ने कहा कि जो कानून देश के नागरिकों का हक छीन ले और उन्हें कहे कि तुम अपने आप को प्रमाणित करो तो उसके बारे में क्या कहा जाए।
सरकार ने दबाव बनाकर कानून बना लिया
सिंह ने केंद्र पर निशाना साधा। कहा- इस बिल के बारे में किसी भी राज्य से चर्चा नहीं की गई और बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने की हमारी मांग थी, लेकिन केंद्र ने केवल बहुमत के आधार पर दबाव बनाकर बिल पास करा लिया। हम सिर्फ भारत का विकास चाहते हैं और सरकार को संविधान पर विश्वास होना चाहिए और लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए।