हैदराबाद एनकाउंटर के बाद अब भीड़ का इंसाफ: रेप के आरोपी को कोर्ट कैंपस में जान से मारने की कोशिश | CG NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। महिला डॉक्टर से सामूहिक बलात्कार के आरोपियों का तेलंगाना पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने के बाद देशभर में इस तरह की कार्यवाही का समर्थन हो रहा है। इसका एक फैक्ट छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में देखने को मिला। यहां जब पुलिस ने रेप के आरोपी को हैदराबाद जैसी सजा नहीं दी तो भीड़ ने कोर्ट कैंपस में उसे जान से मारने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने बड़ी मुश्किल से अपनी और बलात्कार के आरोपी की जान बचाई।

चाकू की नोक पर 8 साल की बीमार मासूम बच्ची का रेप किया था

बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में एक 8 साल की मासूम से चाकू की नोक पर दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घटना 4 दिसंबर 2019 की है। आरोपी का नाम भोलाराम साहू बताया जा रहा है। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज घटना के विवरण के अनुसार वारदात के वक्त बच्ची के नाना नानी मजदूरी पर गए हुए थे। वहीं बच्ची तबियत खराब होने की वजह से घर पर अकेली थी। दोपहर को जब बच्ची की नानी घर लौटी, तो देखा कि मासूम रो रही है। कारण पूछने पर उसने बताया कि पड़ोस में रहने वाला भोलाराम साहू उनके घर आया था। रो-रोकर बच्ची ने बताया कि चाकू दिखाकर आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए कपड़े उतरवाए और फिर उसके साथ अनाचार किया। बच्ची से दुष्कर्म के बाद आरोपी चाकू मौके पर छोड़कर भाग गया। 

घटना के बाद से ही भीड़ आरोपी को तलाश रही थी

घटना की जानकारी लगते ही आसपास के लोगों ने साथ मिलकर भोला साहू की तलाश शुरू कर दी लेकिन, आरोपी नहीं मिला। जिसके बाद शिकायत के आधार पर सरकंडा पुलिस ने बलात्कार और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की और मोबाइल लोकेशन के आधार पर कवर्धा से आरोपी को धरदबोचा।

ग्रामीणों ने कोर्ट और कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर फांसी की मांग की थी

इससे पहले बड़ी संख्या में ग्रामवासी जिला कोर्ट और कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और आरोपी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। लोगों ने बताया कि आरोपी भोलाराम साहू इससे पहले भी 2 मामलों में जेल जा चुका है। ऐसे आदतन अपराधी को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए। 

बलात्कार के आरोपी को देखते ही टूट पड़ी भीड़ 

पुलिस जब कोर्ट कैंपस में आरोपी को पेश करने के लिए लेकर आई तो भीड़ आरोपी को देखते ही उस पर टूट पड़ी। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी हिरासत में मौजूद आरोपी की जान बचाना और खुद की जान की भी रक्षा करना। मौजूद भीड़ में किसी के पास हथियार नहीं था नहीं तो हत्या सुनिश्चित थी। भीड़ ने आरोपी को बड़ी बेरहमी से पीटा। बड़ी मुश्किल से पुलिस घायल आरोपी की जान बचा पाई।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!