भोपाल। संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने सभी जिलों के उप संचालकों को निर्देशित किया है कि किसी भी स्थिति में यूरिया के साथ किसानों को डीएपी अथवा अन्य सामग्री प्रदान नहीं की जाए। इस प्रकार की जानकारी प्राप्त होने पर संबंधित के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए।
जिलों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि कुछ उर्वरक कम्पनियाँ, डीलर और विक्रेता किसानों को यूरिया के साथ डीएपी अथवा अन्य आदान सामग्री प्रदाय कर रहे हैं। इस मामले में पहली कार्यवाही जिला अशोकनगर में की गई है ; जहाँ यूरिया के साथ सल्फर देने के लिये बाध्य किया जा रहा था। इस प्रकरण में प्रोपराइटर का लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की गई है।
जिला अशोकनगर में न्यूज चैनल पर प्रसारित समाचारों के संदर्भ में प्रस्तुत की गई जाँच की रिपोर्ट में मेसर्स कृषक खाद्य विक्रय एवं सहायता केन्द्र, अशोकनगर को यूरिया के साथ सल्फर का विक्रय किये जाने एवं निर्धारित अभिलेख अपूर्ण होने के संबंध में दोषी पाया गया। इस केन्द्र पर उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 की धारा-3, 4, 5 का उल्लंघन करने के कारण कार्यवाही करते हुए उसका जिला अशोकनगर के अनुज्ञापन अधिकारी एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने उर्वरक फुटकर विक्रय लायसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही, संबंधित को निलंबन आदेश के संबंध में आदेश जारी होने की दिनांक से 15 दिन के अंदर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उर्वरक लायसेंस निरस्त किया जाएगा।