D.Ed/B.Ed के छात्र, पंचायत सचिव और पटवारियों को शिक्षकों का ऑब्जर्वर बना दिया | MP NEWS

इंदौर। इंदौर प्रशासन की एक व्यवस्था में शिक्षा विभाग में रोष पैदा कर दिया है। कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। कारण ही आएगी प्रतिभा पर्व के अवसर पर D.Ed/B.Ed के छात्र, पंचायत सचिव और पटवारियों को शिक्षकों का ऑब्जर्वर बना दिया गया। शिक्षक इसे अपना अपमान माल बता रहे हैं।

कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव के निर्देश अनुसार गुरुवार को 230 शालाओं में दक्षता उन्नयन कार्यक्रम के तहत अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन प्रपत्र भरा गया। शिक्षकों द्वारा किए गए दक्षता मूल्यांकन को कलेक्टर द्वारा निर्धारित अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इस मूल्यांकन प्रपत्र और सर्वोच्च दक्षता प्रपत्र को भरने के लिए अधिकारियों द्वारा एक निश्चित टूल का प्रयोग किया गया।

भविष्य में चतुर्थ श्रेणी को ऑब्जर्वर बना सकते: तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों का लर्निंग आउटकम जानने के लिए जिलेवार एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है। कलेक्टर जाटव द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में जिले के विभिन्न अधिकारियों ने प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में जाकर निरीक्षण किया व आवश्यक प्रपत्र भरे। इसका विरोध कर रहे कर्मचारी संगठनों का कहना है कि आने वाले समय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भी ऑब्जर्वर बना सकते हैं। असल में इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग में कार्यरत समस्त अमला, जिसमें प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधानाध्यापक जैसा राजपत्रित अमला व शिक्षक संवर्ग के समस्त सम्मानित साथी लगे हुए हैं।

शिक्षकों की गरिमा खराब की कोशिश की गई ताे विरोध करेंगे

कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यालय में शिक्षकों के कार्यों की माॅनिटरिंग के लिए सचिवों व पटवारियों के साथ डीएड, बीएड के छात्रों को ऑब्जर्वर बनाकर शिक्षक जेसे सम्मानित पद का अपमान किया गया है। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री हरीश बौयत, जिला अध्यक्ष राजकुमार पांडेय, शासकीय अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष प्रवीण यादव ने राज्य शिक्षा के अधिकारियों के इस आदेश का कड़ा विरोध किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि इस तरह से शिक्षकों की गरिमा खराब करने की कोशिश की तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

शिक्षकों ने निंदा की

एकीकृत शालाओं में प्राचार्य स्तर के अधिकारी नियुक्त होने के बाद भी उनके कार्यों की माॅनिटरिंग पंचायत सचिवों, पटवारियों और छात्रों से करवाना निंदनीय है। संघ इसकी निंदा करता है। शिक्षकों की कर्तव्यनिष्ठता और ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाने की कार्यवाही की निंदा करता है और शासन से मांग करता है कि शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे आदेशों को तुरंत निरस्त किया जाए।

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