भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश की अपर प्रमुख सचिव गौरी सिंह को उनकी मनमानी के कारण लूप लाइन में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने उनकी मनमानी के खिलाफ सीएम कमलनाथ से शिकायत की थी। कमलनाथ की प्रारंभिक जांच में गौरी सिंह आईएएस अपने ही विभाग के मंत्री को नजरअंदाज करने की दोषी पाई गई और उन्हें लुगाई में भेज दिया गया।
मंत्री को बताए बिना पंचायतों का आरक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया था
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी गौरी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पंचायत मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल को सूचित किए बिना पंचायतों का आरक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया था। जब इसकी जानकारी पंचायत मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल को लगी तो उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के सामने इस पर आपत्ति उठाई। मुख्यमंत्री सहमति क्योंकि निर्धारित नीति के अनुसार पंचायतों का आरक्षण कार्यक्रम पंचायत मंत्री की स्वीकृति के बिना जारी नहीं किया जा सकता था। मनमानी प्रमाणित हो जाने के बाद मुख्यमंत्री ने गौरी सिंह को लूप लाइन में भेजने का आदेश दिया।
पहले गौरी सिंह के आदेश से पंचायत आरक्षण कार्यक्रम निरस्त कराया, फिर गौरी सिंह को हटाया
सीएम कमलनाथ में सबसे पहले एसीएस गौरी सिंह के हस्ताक्षर से उन्हीं के द्वारा जारी किए गए आरक्षण कार्यक्रम को निरस्त करवाया। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग से एक आदेश जारी हुआ और गौरी सिंह को लूप लाइन में डाल दिया गया। अब गौरी सिंह के स्थान पर अध्यात्म विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव पंचायत विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। गौरी सिंह को पंचायत विभाग से हटाते हुए लूप लाइन में प्रशासन अकादमी के महानिदेशक पद पर पदस्थ किया गया है।